________________
३.२६
भगवतीसूत्रे
संस्थितम् भरतक्षेत्राद्यालम्बनत्वात् भारतादिक्षेत्राद्याकारम् ' वासहरसंठिए, पव्ययसंठिए, रुक्खसंठिए, धूभसंठिए, हयस ठिए, गयस ठिए, नरसंठिए, किंनरसंठिए, किंपुरिसस ठिए, महोरगगंधव्क्स ठिए, उसभसंठिए, पसुपसयविहगवानरणाणास ठाणस ठिए पण्णत्ते ' वर्षधरस स्थितं हिमवदादिवर्षधरपर्वताकारम्, पर्वतस स्थितम् मेरुप्रभृतिपर्वताकारम्, वृक्षसं स्थितम्, आम्रादिवृक्षाकारम्, स्तूपसंस्थितम् स्मृतिस्तंभाकारम् हयसंस्थितम् अश्वाकारम्, गजसंस्थितम् - हस्त्याकारम्, नरस स्थितम् - पुरुषाकारम्, किन्नर संस्थितम् - किन्नराकारम्, किम्पुरुषसंस्थितम् - किम्पुरुषाकारम्, महोरगसंस्थितम् महोरगाकारम्, गन्धर्वसंस्थितम् गन्धर्वाकारम्, वृषभस स्थितम् हृपभाकारम्, पशुसंस्थितम्, गनादिपश्वाकारम्, पसयस ंस्थितम्पसयः आरण्यको गवयपदवाच्यो द्विखुरचतुष्पदविशेषः, तदाकारम्, विहगः पक्षी, वानरो मर्कटः, तत्प्रभृतिनानासंस्थान संस्थिहै यही बात टीकाकारने 'भरत क्षेत्राद्यवलम्बनत्वात्' पदसे स्पष्टकी है। इसी तरह वह विभंगज्ञान 'वासहरसंठिए, पञ्चयसंठिए, रुक्ख संठिए, थूभसंठिए हय संठिए, गयसंठिए, नरसंठिए, किंनर संठिए, किंपुरिस संठिए, महोरगगंधव्वसंठिए, उस भसंठिए, पसुपसयविहगसंठाणसंठिए पण्णत्ते' वर्षधर - हिमवन् आदि पर्वतोंके आकार होता है, मेरु आदि पर्वताकार होता है, आनादि वृक्षाकार होता है, स्तूपाकार होता है, स्तंभाकार होता है, अभ्वाकार होता है, हस्त्याकार होता है पुरुषाकार होता है, किन्नराकार होता है, किम्पुरुषाकार होता है, महोरगाकार 'होता गंधकार होता है, वृषभाकार होता है, गाय आदिके आकारका होता है, पसय-: - रोझके आकारका होता है, विहग - पक्षी के आकारका होता है, वानर - मर्कटके आकारका होता है, इस तरह भरतक्षेत्राद्यवलम्बनत्वात् ૧ એ પદથી સ્પષ્ટ કરેલ છે. એ જ રીતે તે વિભગજ્ઞાન वासहरस ठिए, पच्चयस ठिए, रुक्खस ठिए, धूभस ठिए, इयस ठिए, गयस ठिए, नरस ठिए, किन्नरस ठिए, किंपुरिसास ठिए, महोरगगंधव्व सठिए उसभस ठिए, पनुपसयविहगस ठाणस ठिए पण्णत्ते ' હિમવાન આદિ પર્યંતના આકાર હેય છે, મેરૂ આદિ પર્વત આકાર હોય છે, આમ્રાદિ ,વૃક્ષાકાર હાય છે સ્તૂપાકાર હાય છે, તભાકાર હેાય છે, અશ્વાકાર હોય છે, હસ્યાકાર હાય છે, પુરુષાકાર હોય છે, કિન્નરાકાર હોય છે, કિ પુરુષાકાર હાય છે, મહારગાકાર હાય छे, गंधर्वार होय छे, वृषभार होय छे, गायाहिना भरना होय छे. पसय-शेंना आभरना, होय छे. विडुण - पक्षीना भरना होय छे, वार्नरना આકારના હાય છે.
वर्षधर,
#1
·
C
"