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प्रमेयचन्द्रिका टीका श.८ उ. २ सू. २ आशीविषस्वरूपनिरूपणम्
नो एगिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, जाव नो चउरिंदियतिरिक्खपंचिदियतिरिक्ख जोणियकम्मासीविसे
हे गौतम ! नो एकेन्द्रियतिर्यग्योनिककर्माशीविषो भवति,
जोणियकम्मासीविसे, तिर्यग्योनिककर्माशीविषो यावत् नो द्वीन्द्रिय-त्रीन्द्रिय- चतुरिन्द्रियतिर्यग्योनिककर्माशीविषो भवति, अपितु पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिककर्माशीविषो भवति । गौतमः पृच्छति - 'जइ पंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीवि से किं संमुच्छिम पंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, गव्भवक्कतियपंचिंदियतिरिक्ख जोणिय कम्मासीबिसे ? ' भदन्त ! यः पञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिककर्माशीविषो भवति स किं संमूर्छिमपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिककर्माशीविषो भवति ? किंवा गर्भव्युत्क्रान्तिकपञ्चेन्द्रियविष होता है ? या पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिकजीव कर्माशीविष होता है ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं- 'गोयमा' हे गौतम! 'नो एगिंदिय तिरिक्ख जोणिय कम्मासीविसे, जाव नो चउरिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे' न एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीव कर्माशीविष होते और न वेन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चौइन्द्रियजीव कर्माशीविष होते हैं किन्तु ' पंचिदियतिरिकखजोणियकम्मासीविसे ' जो पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीव है वे कर्माशीविष होते हैं । अब गौतम स्वामी प्रभुसे ऐसा पूछते है 'जह पंचिदियतिरिक्ख जोणिय कम्मासीबिसे किं संमुच्छिम पंचिदिद्यतिरिक्खजोणियकम्मासीविले, गन्भवक्कतिय तिरिक्ख जोणिय कम्मासीविसे ?" हे भदन्त ! जो पंचेन्द्रियतिर्यग्योनिक जीव कर्माशीविष कहे गये हैं वे कौन से पंचेन्द्रियतिर्यग्योनिकजीव कर्माशीविष कहे गये हैं- क्या जो जीव समूच्छिम पंचेन्द्रिय तिर्यच हैं वे कर्माशीविष कहे गये हैं या जो गर्भजन्मवाले पंचेन्द्रिय उर्भाशीविष छे. उत्तर - ' गोयमा ' हे गौतम [ नो एर्गिदियतिरिक्खजोणिय कम्मासीविसे, जाव नो चउरिंदियतिरिकख जोणिय कम्मआ सीविसे ' એકેન્દ્રિય, બે ઇટ્રિચ, ત્રણ ઈંદ્રિય અને ચાર ઈંદ્રિયવાળાં જીવે કર્માંશીવિષ હાતા નથી २तु पंचिदियतिरिकख जोणिय कम्मासीविसे' ने ययेन्द्रिय तिर्यययोनि लव होय हे ते उर्माशीविष होय छे अभ- जई पंचिदिय तिरिकूख जोणियकम्मासीविसे किं समुच्छिमपंचिदियतिरिक्ख जोणियकम्मासीविसे, गन्भेवक तिय तिरिक्ख जोणिय कम्मामीविसे ? ' डे भगवान ने यथेन्द्रिय तिर्यय योनी लव उर्भाशीविष કહ્યા છે તે કયા? શુ જે જીવ સમૂમિ પંચેન્દ્રિય તિર્યંચ છે. તેને કર્માંશીવિષ કહ્યા છે ? કે જે ગભ જન્મવાળાં પચેન્દ્રિય તિય ચ ાની જીવ છે તેને કમાંથીવિષ કહ્યા છે ?
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