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भगवतीसूत्रे पृच्छति-'जइ मणप्पओगपरिणया कि सच्चमणप्पओगपरिणया, मोसमणप्पओगपरिणया, सच्चामोसमणप्पओगपरिणया, असञ्चामोसमणप्पओगपरिणया' हे भदन्त ! यानि द्रव्याणि मनःप्रयोगपरिणतानि तानि किं सत्यमनःप्रयोगपरिणतानि,मृपामनः प्रयोगपरिणतानि, सत्यमृषामनःप्रयोगपरिणतानि, असत्यामृषामनामयोगपरिणतानि भवन्ति ? भगवानाह-'गोयमा ! सच्चमणप्पओगपरिणया वा, जाव असचामोसमणप्पओगपरिणया वा' हे गौतम ! मनःप्रयोगपरिणतानि द्रव्याणि सत्यमनःप्रयोगपरिणतानि, मृषामनःप्रयोगपरिणतानि, सत्यमृपामन प्रयोगपरिणतानि, असत्यामृषामनःप्रयोगपरिणतानि भवन्ति, 'अहवा एगे सचमणप्पओग परिणए, दो मोसमणप्पओगपरिणया वा' अथवा एक मनःप्रयोगपरिणतं द्रव्यं सत्यत्रिकयोगका कथन जानना चाहिये। अब गौतमस्वामी प्रभुसे ऐसा पूछते हैं 'जइ मणप्पओगपरिणया कि सचमणप्पओगपरिणया, मोसमणप्पओग परिणया सच्चामोसमणप्पओगपरिणया असच्चामोसमणप्पओगपरिणया' हे भदन्त ! जो तीनों द्रव्य मनःप्रयोग परिणत होते हैं सो क्या वे सत्य मनः प्रयोग परिणत होते हैं ? या मृपामनःप्रयोगपरिणत होते हैं ? या असत्याभूषामनःप्रयोग परिणत होते हैं ? इसके उत्तरमें प्रभु कहते हैं 'गोयमा ! सच्चमणप्पओगपरिणया वा, जाव असचामोसमणप्पओगपरिणया वा' हे गौतम जो तीन द्रव्य मनः प्रयोग परिणत होते हैं वे . सत्यमनःप्रयोगपरिणत भी होते हैं, मृषामनःप्रयोग परिणत भी होते हैं और असत्यामृपामनःप्रयोग परिणत भी होते हैं। 'अहवा एगे सच्चमणप्पओगपरिणए, दो मोसमणप्पओगपरिणया' मनःप्रयोग
प्रश्न- 'जइ मणप्पओगपरिणया कि सच्चमणप्पओग परिणया, मोसमण प्पओगपरिणया, सच्चामोसमणप्पओगपरिणया, असञ्चावामोसमणप्पओगपरिणया' હે ભગવન જે ત્રણ દ્રવ્ય મન પ્રયોગ પરિત હોય છે? તે શું સત્યના પ્રયોગ પરિણત હેય છે? કે મૃષામનઃપ્રયોગ પરિણત હોય છે? અગર સત્યમૃષામના પ્રયોગ પરિણત હેય છે? કે અસત્યામૃષામનઃ પરિણત હોય છે?
उत्तर- 'गोयमा' हे गौतम 'सच्चमणप्पओगपरिणया वा, जाव असच्चामोसमणप्पओगपरिणया वात्र य मनप्रयोग परिणत डाय छ તે સત્યમનઃપ્રયોગ પરિણ, મૃષામનપ્રયોગ પરિણત અને સત્યમૃષામન પ્રયોગ પરિણત ५५५ होय छ भने अत्यभूषामान प्रयोग परिणत प य छे. 'अहवा एगे सच्चमण . पोगपरिणेए दो मोसमणपओगपरिणया' मनःप्रयोग परिणत द्रव्याभांथा म