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भगवती
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भवति४, 'अहवा दो पओगपरिणया एगे वीससापरिणए ५' अथवा दे द्रव्ये प्रयोगपरिणते भवतः, एकं विस्रसापरिणतं भवति५, ' अहवा एगे मीसापरिणए, दो वीससापरिणया ६' अथवा एक द्रव्यं मिश्रपरिणतं भवति, हे द्रव्ये विस्रसापरिणते भवतः ६, 'अहवा दो मीसापरिणया, एगे वीससापरिणए७' अथवा द्वे द्रव्ये मिश्रपरिणते भवतः, एक द्रव्यं वित्रसापरिणतं भवति, 'अहत्रा एगे पओगपरिणए, एगे मारिए, एगे वीससापरिणए ७' अथवा एक द्रव्यं प्रयोगपरिणतम्, एक मिश्रपरिणतम्, एक विस्रसापरिणतं भवति । गौतमः पृच्छति - 'ज पओगपरि
या किं मणप्पगपरिणया, वडप्पओगपरिगया, कायप्पओगपरिणया, यानि द्रव्याणि प्रयोग परिणतानि तानि किं मनःप्रयोगपरिणतानि वचः प्रयोगपरिणतानि,
हैं और एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है ३, 'अहवा दो पओगपरिणया, एगे वीससा परिणए' अथवा कोई दो द्रव्य प्रयोगपरिणत होते हैं और एक द्रव्य विस्रापरिणत होता है ४, 'अहवा एगे मीसापरिणए, दो वोससापरिणया' अथवा एकद्रव्य मिश्रपरिणत होता है और दो द्रव्य चित्रसापरिणत होते हैं ५, ' अहवा दो मीसापरिणया एगे वीसमा परिणए' अथवा कोई दो द्रव्य मिश्रपरिणत होते हैं और एक द्रव्य विस्रसा परिणत होता है ६ ' अहवा एगे पओगपरिणए, एगे मीसापरिणए' कोई एक द्रव्य प्रयोग परिणत होता है, कोई एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है ( एगे वीसमा परिणए ) कोई एक द्रव्य विस्रसा परिणत होता है ७ । अब गौतम स्वामी प्रभुसे ऐसा पूछते हैं 'जह पओगपरिणया किं मणप्पओगपरिणयां, वइप्पओगपरिणया. कायप्प ओगपरिणया' हे भदन्त ! जो तीनों द्रव्यप्रयोगपरिणत पारगए' अथवा मे द्रश्यो अयागपरिगत होय छे अनेो द्रव्य मिश्रपरित होय छे. " अहवा दो पओगपरिणया एगे वीससापरिणए' अथवा मे द्रव्य प्रयोगपरिशुत होय छे भने । द्रव्य विससा परिणित होय छे. ४ ' अहवा एगे मीसापरिणए दो areer परिणया' अथवा येउ द्रव्य मिश्र परिष्यत होय छे भने मे द्रव्य विससा પરિણત હોય છે. પ " अहवा दो मीसा परिणया एगे वीससा परिणए અથવા એ દ્રવ્ય મિશ્ર પરિણત હોય છે અને એક દ્રવ્ય વિસ્રસા પરિણત હોય છે. ૬ ' अहवा एगे पओगपरिणए, एगे मीसा परिणए' अर्थ ये४ द्रव्य प्रयोगयशिशुत હાય છે ४ ४ द्रव्य मिश्र परिणत होय छे. 'एगे बीससा परिणए' अष्ठ દ્રવ્ય વિસા પરિણત હોય છે. છ
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अ- 'जइ पओगपरिणया, किं मणप्पओगपरिणया, वप्पओगपरिणया, काय ओगपरिणया ' हे भगवन् ले गये द्रव्य प्रयोगपरित होय तो शुं