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________________ ॐ -- . .. . भगवतीने विस्रसापरिणतानि वा १, अथवा एकं प्रयोगपरिणत द्वे मिश्रपरिणते २, अथवा एकं प्रयोगपरिणत द्वे विस्रसापरिणते ३, अथवा द्वे प्रयोगपरिणते. एक मिश्रपरिणतम् ४, अथवा द्वे प्रयोगपरिणते, एक विलसापरिणतम् ५, अथवा एकं मिश्रपरिणतं द्वे विसापरिणते ६, अथवा हे मिश्रपरिणते, एक विस्रसापरिणतम्७, अथवा एकं प्रयोगपरिणतम्, एकं मिश्रपरिणतम्, एक विस्रसाहे भदन्त ! तीन द्रव्य क्या प्रयोगपरिणत होते हैं ? या मिश्रपरिणत होते हैं ? या विस्रसापरिणत होते हैं ? (गोयमा) हे गौतम ! वे तीनोंद्रव्य (पओगपरिणया वा, मीसापरिणया वा, वीससापरिणया वा) प्रयोगपरिणत भी होते हैं, मिश्रपरिणत भी होते है और विस्रसा परिणत भी होते हैं (अहवा एगे पओगपरिणए, दो मीसा परिणया १ अहवेगे पओगपरिणए, दो वीससा प० २, अहवा दो पओगपरिणया, एगे मीससा परिणए ३, अवा दो पओग प०, एगे वीससा प० ४, अहवा एगे मीसापरिणए दो वीससा परि० ५, अहवा दो मोसाप० एगे वीससाए० ६, अहवा एगे पओगपरि० एगे मीसापरि०, एगे वीससाप० ७) अथवा एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होता है और दो द्रव्य मिश्रपरिणत होते हैं १, अथवा एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होता है, और दो द्रव्य विस्रसापरिणत होते हैं २, अथवा दा द्रव्य प्रयोग परिणत होते हैं और एक द्रव्य मिश्रपरिणत होता है ३, अथवा दो वीससा परिणया) 3 भगवन् ! यो शु प्रयोगपरित डाय छ ? अगर मिश्र પરિણત હેય છે? કે વિસસા પરિણત હોય છે? उत्तर- (गोयमा) 3 गौतम ऋ द्रव्ये (पओगपरिणया चा मीसापरिणया वा वीससापरिणया वा ) प्रयोगपति पण य छ, मिश्रपरित पशु उय छ, भने. विससा परिणत पy डोय छे (अहग एगे पओगपरिणए, दो मीसापरिणया १, अहवेगे पओगपरिणए, दो वीससा प० २, अहवा दो पओगपरिणया, एगे मीससा परिणए ३, अहवा दो पओगप०, एगे वीससाप० ४, अहवा एगे मीसा परिणए, दो वीससा परिणया ५, अहवा दो मीसा प०, एगे वीससा ५० ६, अह्वा एगे पओग परि०, एगे मीसा परि० एगे वीससा परिणए) અથવા એક દ્રવ્ય પ્રયોગ પરિણત હોય છે અને બે દ્રવ્ય મિશ્રપરિણત હેય છે ૧ અથવા એક દ્રવ્ય પ્રવેગ પરિણુત હોય છે અને બે દિવ્ય વિશ્વસા પરિણત હોય છે.
SR No.009316
Book TitleBhagwati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1964
Total Pages811
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size47 MB
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