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प्रमेयचन्द्रिका टीका श. ८ उ. १ ० १३ सूक्ष्मपृथ्वीकायस्वरूपनिरूपणम् १७१ भवति, इत्यर्थः, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं चउकओ भेदो' एवं पर्याप्तकापर्याप्तसूक्ष्मवादरपृथिवीकायिकवदेव यावत् - अष्कायिक - तेजस्कायिक - वायुकायिक वनस्पतिकायिकानामपि प्रयोगपरिणतद्रव्यस्य चतुष्ककाः सूक्ष्म-वादर - पर्याप्तका - पर्याप्तकरूपचतुष्प्रकारको भेदो विज्ञेयः, 'बेइंद्रियतेइंदिय - चउरदियाणं दुयओ भेदो पज्जत्तगा य, अपज्जत्तगाय छीन्द्रियत्रीन्द्रिय - चतुरिन्द्रियाणां प्रयोगपरिणतद्रव्यनिषये द्विको द्विप्रकारको भेद:- पर्याप्तकाश्च, अपर्याप्तकाञ्च इति विज्ञेयम् गौतम पृच्छति - जइ पचिदियओरा लिय सरीरकायप्पगपत्णिए किं तिरिक्खजोणिय पंचिंदिचओरा लिपसरीरकायप्पओगपरिणए मणुस्तपंचिंदिय - जात्र परिणए ? हे भवन्तं ! यद् द्रव्यं पञ्चेन्द्रियौदारिकश गैर कायप्रयोगपरिणत तत् किं तिर्यग्योनिक णत भी व्य होता है । एव जाव दणस्सइकाइयाणं चउक्कओ भेदो' पर्याप्त अपर्याप्त सूक्ष्मपृथिवीकायिककी तरह ही यावत् अपकायिक, तेजस्कायिक, वायुकायिक, वनस्पतिकायिक इन सबके भी प्रयोगसे परिणत द्रव्य के सूक्ष्म, बादर, पर्याप्तक एवं अपर्याप्तक रूप चार प्रकारके भेद जानना चाहिये । तथा वेइंदिय, तेइदिय, चउरिदियाणं दुयओ भेदो पज्जत्तगा य अपजत्तमा य हीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चौइन्द्रिय इन जीवोंके प्रयोगले परिणत द्रव्यके विषय में पर्याप्त अपर्याप्तकरूप दो भेद जानना चाहिये | अब गौतमस्वामी प्रभुसे ऐसा पूछते हैं 'जइ पंचिदिय ओरालिय सरीरकायप्पओगपरिए किं तिरिक्खजोणियपचिदिय ओरालिय सरीरकाय प्पओगपरिणए, मणुस्सर्पचिदिय जाव परिणए' हे भदन्त ! जो द्रव्य पंचेन्द्रिय जीवके औदारिक शरीरकायप्रयोगले परिणत होता है वह क्या तिर्यग्योनिक व्णस्सइकाइयाणं चक्क भेदो" पर्याप्त पर्याप्त, सूक्ष्म भने गाहर पृथ्वीजयनी જેમ જ અાયિક, તેજસ્કાયિક, વાયુકાકિ અને વનસ્પતિકાયિકના પ્રયેાગથી પરિણત દ્રવ્યના પણ સૂક્ષ્મ, ખાર, પર્યાપ્તક અને અપર્યાપ્તક રૂપ ચાર ચાર પ્રકારના ભેદ वेइंद्रिय, तेइदिय, चउरिदियाणं दुयओ भेदो पज्जत्तमा य अपज्जत्तगा य 11 દ્વીન્દ્રિય ત્રીન્દ્રિય અને ચતુિિન્દ્રય વાના પ્રયોગથી પરિણત દ્રવ્યના વિષયમાં પણ પર્યાપ્તક અને અપર્યાપ્તકરૂપ ખમ્બે ભેદ સમજવા
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સમજવા તૈયા 64
गौतम स्वाभीना प्रश्न - " जड़ पंचिदिय ओरालिय सरीरकायप्पओगपरिणए किं तिरिक्खजोणियपंचिदिय ओरालिय सरीरकायप्पओगपरिणए, पंचिंदिय जाव परिणए ?" हे अहन्त ! ने द्रव्य ययेन्द्रिय उपनामहा२ि४श|२
मणुरुस
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