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भगवती मुंगे कपायरसपरिणता अपि, अम्लरसपरिणता अपि, मधुररसपरिणता अपि भवन्ति । तथा 'फासओ कक्खडफासपरि जाव लुक्खफोसपरि०' ये अपर्याप्तसूक्ष्मपृथिवीकायिकै केन्द्रियप्रयोगपरिणताः पुद्गलाः प्रज्ञप्ता स्ते स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता अपि यावद - मृदुस्पर्शपरिणता अपि, गुरुस्पर्शपरिणता अपि, लघुस्पर्शपरिणता अपि, शीतस्पर्श परिणता अपि, उष्णस्पर्श परिणता अपि स्निग्धस्पर्श - परिणता अपि, रूक्षस्पर्श परिणता अपि भवन्ति । तथैव 'संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणया वि, वह० तंस, चउरंस० आययसंठाणपरिणयावि' ये अपर्याप्तसूक्ष्मपृथिवीकायिकै केन्द्रियप्रयोगपरिणताः पुद्गलाः प्रज्ञप्तास्ते संस्थानतः
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इसकी अपेक्षा से तिक्त रसमें परिणत होते हैं या हो जाते हैं - अन्यत्र भी इसी प्रकार से समझना चाहिये - कटुकरस में परिणत हो जाते
कषाय रसरूप में भी परिणत हो जाते हैं, अम्ल (खट्टा ) रसरूप भी परिणत हो जाते हैं, मधुररसरूप में भी परिणत हो जाते हैं । तथा 'फासओ कक्खडफासपरि० जाव लक्खफासपरि०) वे ही पुद्गल जो अपर्याप्तक सूक्ष्मपृथिवी कायिक एकेन्द्रियके प्रयोग से परिणत कहे गये हैं स्पर्शकी अपेक्षा से कर्कशस्पर्शरूपमें भी परिणत हो जाते हैं, यावत् - मृदु (कोमल) स्पर्शरूप में भी परिणत हो जाते हैं, गुरुस्पर्शरूप में भी परिणत हो जाते हैं, लघुस्पर्शरूप में भी परिणत हो जाते हैं, शीतस्पर्शरूप में भी परिणत हो जाते हैं, उष्णस्पर्शरूप में भी परिणत हो जाते हैं, स्निग्धस्पर्शरूपमें भी परिणत हो जाते हैं, रूक्षस्पर्शरूप में भी परिणत हो जाते है । (ठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणया वि, वट्ट०, तस०, चउरंस० आययसंठाणपरिणयावि' तथा वे ही पुद्गल जो अपर्याप्त सूक्ष्मपृथिवीकायिक एकेन्द्रियके प्रयोग से परिणत हुए कहे गये हैं, संस्थानकी अपेक्षा से રસરૂપે પણ પરિણમી જાય છે, કડવા રસરૂપે પણ પરિણમી જાય છે, કષાય (તુરા) રસરૂપે પણ પરિણમી જાય છે, ખાટા રસરૂપે પણ પરિણમી જાય છે અને મધુર રસરૂપે या परिशुभी लय छे तथा 'फासओ कक्खड फास परि० जाव लुक्खफास, परिणया' मे ४ अर्याप्त सुक्ष्म पृथ्वी डेन्द्रियना प्रयोगथी परिणत थयेर्सा પુદગલા, પની અપેક્ષાએ કશ સ્વરૂપે પણ પરિણમે છે, મૃદુ કેમલ સ્પર્શીરૂપે પશુ પરિણમે છે, ગુરુ સ્પરૂપે પણ પરિણમે છે, લઘુ સ્વરૂપે પણ પરિણમે છે, શીત પરૂપે પણ પરિણમે છે, ઉષ્ણુ પરૂપે પણુ પરિણમે છે સ્નિગ્ધ (સુવાળા) સ્પરૂપે पशु परिशुभे छे भने ३क्ष (अडथडा) स्पर्श३ये या परिशुभेछे. 'संठाणओ परिमंडळसंठाणपरिणया वि, वट्ट०, स०, चउरंस०, आययसंठाणपरिणया वि