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चन्द्रिका टीका श. ६ उ. ९ सृ.२ महर्द्धिकदेव विकुर्वणास्वरूपनिरूपणम् १६९ समट्टे' हे गौतम ! नायमर्थः समर्थः जीवः महद्धर्थादिसम्पनोऽपि बाधान् पुद्गलान् अपर्यादाय एकवर्णैकरूपविशिष्टं स्वशरीरादिकं विकुर्वितुं न समर्थः । गौतमः पृच्छति-- 'देवे णं भंते ! बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू ?' हे भदन्त ! देवः खलु बाह्यान् पुद्गलान् पर्यादाय एकवर्णैकरूपविशिष्ट स्वशरीरादिकं विकुर्वितुं । म् प्रभुः समर्थः ! भगवानाह - 'हंता, पभू ?' हे गौतम ! हत् सत्यम् देवः ल बाह्यान् पुद्गलान् पर्यादायैव एकवर्णैकरूपविशिष्टं स्वशरीरादि" विकुर्वति । गौतमः पुनः पृच्छति' से णं भंते! किं है । इस प्रश्नके उत्तरमें प्रभु गौतमसे कहते हैं कि 'गोयमा णो इट्ट समहे' हे गौतम ! महद्धर्थादि से युक्त भी देव बाह्यपुद्गलों को ग्रहण किये विना एक वर्णवाले एक रूपवाले अपने शरीर आदिकी विकुर्वणा द्वारा नीष्पत्ति करनेके लिये समर्थ नहीं हो सकता है ।
अब गौतम पुनःप्रभुसे पूछते हैं कि 'देवेणं भंते ! बाहिरए पोग्गलेपरियाहत्ता ! पभू' हे भदन्त ! पूर्वोक्तविशेषणवाला देव बाह्यपुद्गलों को ग्रहण करके क्या एक वर्णवाले एवं एक प्रकारके आकारवाले अपना शरीर वगैरह की विकुर्वणा द्वारा निष्पत्ति कर सकता है ? इसके उत्तर में प्रभु गौतमसे कहते हैं कि 'हंता पभू' हां गौतम ! वह देव ऐसा कर सकता है । अर्थात् वाह्यपुद्गलोंको ग्रहण करके ही वह महद्वयदि संपन्नदेव एकवर्णवाले तथा एकरूपवाले अपने शरीरकी विकुर्वणा द्वारा निष्पत्ति कर सकता है तात्पर्य कहनेका ' ( सूत्रभां 'जान' पहथी ने पहोने ग्रहयु ४श्वास माव्यां तमना अर्थ पशु સાથેજ આપી દીધેા છે.
गौतम स्वाभीना प्रश्न उत्तर भापता महावीर अलु - 'गोयमा ! णो इट्टे समट्टे' डे गौतम श्रेतुं शभ्य नथी महाऋद्धि माहिथी युक्त होय वे દેવ પણ ખાલ પુદ્ગલેને ગ્રહણ કર્યાં વિન્ગ એક વણુ વાળા અને એક રૂપવાળા પેાતાના શરીર ાદિની વિધ્રુણા દ્વારા નિષ્પત્તિ (રચના) કરવાને સમથ હોઈ શકતે નથી हवे गौतम स्वामी प्रभुने छे छे ? ' देवेणं भंते ! वाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू ? ' हे लहन्त ! पूर्वेत विशेषशेोवाणी देव शु माझ युगलाने ग्रहण ने એક વણુ વાળા અને એક પ્રકારના આકારવાળા પેાતાના શરીર વગેરેની વિધ્રુણા द्वारा निष्यत्ति पुरी शडे छे ? उत्तर- 'हंता, पभू ' डा गौतम! ते देव मेरी શકે છે. એટલે કે મહા ઋદ્ધિ આશ્રિી યુકત દૈવ ખાદ્ય પુદ્ગલેાને ગ્રહણ કરીને જ એક વર્ણવાળા તથા એક રૂપવાળા પેાતાના શરીરની વિધ્રુણા દ્વારા નિષ્પત્તિ કરી શકે છે.