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________________ १४८ भगवतीमत्रे माणा समभरघडताए चिट्ठति ? गोयमा ! वाहिरएमु णं समुद्देसु वहये उदगजोणिया जीवा,य, पोग्गला य, उदगत्ताए वकमंति, विउक्कमंति, चयंति, उवचयति' इत्यादि संग्रायम् । (जीवा. 3 प्रति. म. १६९) गोयमा! बाहिरेसु णं ममुद्देसु वहवे उद्गजोणिया जीवा य, पोग्गला य उदगत्ताए वकमंति विउकमति, चयति उववति" इत्यादि यह गृहीत हुआ है । जीवाभिगमका यह तृतीय प्रतिपत्तिका १६९ वां सत्र है, इस पाठका मारांश इस प्रकार से है- गौतमने प्रभुसे पूछा है कि हे भदन्त ! जिम प्रकार लवणममुद्र उछलते हुए जलबाला है-ममजलवाला नहीं है- क्षुब्धजलवालो है, अक्षुब्ध जलवाला नहीं है, उसी पचार बाहर के समुद्र भी क्या उछलते हुए जलवाले है- समजलवाले नहीं हैं, क्षुब्धजलवाले हैं ? अक्षुब्धजलगले नहीं है ? उम के उतर में मभुने उन्हे समझाया कि हे गौतम! ऐमी वात नहीं है थाहर के समुद्र समजलवाले हैं- उछलते हुए पानी वाले नगें हैं | अक्षुधा जलवाले हैं- क्षुब्ध जलवाले नहीं हैं । ये पूर्ण हैं, पूर्णप्रमाणवाले हैं, तरंगावलि से सुशोभित हैं और नहीं उछलते हुए जलवाले हैं । इस लिये देखने में ये ऐसे ज्ञात होते हैं कि मानों जलसे परिपूर्ण समभारवाले घडे ही हैं । अब गौतम स्वामी प्रभु से ऐसा पूछ रहे पुगप्पमाणा, वोलट्टमाणा, वोसट्टमाणा समभाघ उत्ताए चिट्ठति ? " गोयमा ! वाहिरेस णं समुद्देसु वहवे उदगजोगिया जीवा य, पोग्गला य उदगत्ताएनक्कमति. विउक्कमंति, चयंति उवचयति" या सूत्रपा अड ४शय छे. જવાભિગમની ત્રીજી પ્રતિપત્તિનું આ ૧૬૯મું સૂત્ર છે, આ સૂત્રપાઠને સારાશ નીચે પ્રમાણે છે–ગોતમ સ્વામીને ઋ “હે ભક્ત ! જેવી રીતે લવણસમુદ્ર ઉછળતાં પાણીથી યુત સમતલ જળથી યુકત નથી, કૂધ જળવાળે છે. અક્ષબ્ધ જળવાળો નથી, એવી રીતેબારના સમુદ્રો ૫ણ શું ઉછળતા જળથી યુકત છે–સમજળવાળા નથી ? ભુજળથી યુત – અક્ષુબ્ધ જળથી યુક્ત નથી. ઉત્તર– હે ગૌતમ! બહારના સમુદ્રો ઉછળતાં જળવાળા નથી પણ સમજળવાળા છે, તેઓ મુખ્ય જળવાળા નથી પણ અક્ષુબ્ધ જળવાળા છે. તેઓ પૂર્ણ છે, પૂર્ણ પ્રમાણુવાળા છે, તરંગાવલિથી સુશોભિત છે, અને ઉછળતા જળવાળા નથી. તે કારણે તેઓ જળથી પરિપૂર્ણ સમભારવાળા ઘડાઓ જ હોય એવાં લાગે છે.
SR No.009315
Book TitleBhagwati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages880
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size50 MB
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