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प्रमैचन्द्रिका टी००५०८०२ जीवादिवृद्धिहान्यादिनिरूपणम्
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न्द्रियतिर्यग्योनिकानां जीवानाम् अवस्थितिकालः द्वौ अन्तर्मुहूर्ती, तत्र एकोsन्तर्मुहूर्तः विरहकालः, द्वितीयस्तु उत्पादोद्वर्त्तनयोः समानकाल:, एवं ' गव्भवकंतियाणं चउव्वीसं मुहुत्ता' गर्भव्युत्क्रान्तिकानां गर्भज - पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकानां जीवानां तु चतुर्विंशर्ति मुहूर्तान् अवस्थानकाल:, तथा 'संमुच्छिममणुस्साणं
चालीस मुहुत्ता' संमूच्छिममनुष्याणाम् अष्टचत्वारिंशतं मुहूर्तान अवस्थितिकालः ' गव्भवकंतियमणुस्साणं चउवीस मुहुत्ता' गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याणां गर्भजमनुष्याणां चतुर्विंशतिं मुहूर्तान अवस्थितिकालः । ' पाणमंतर - जोइससोहम्मी - सासु अट्टचत्तालीस मुहुत्ता ' वानव्यन्तर- ज्यौतिषिक - सौधर्मे - शानेषु देवलोकेषु अष्टचत्वारिंशतं मुहूर्त्तान् अवस्थितिकाल: ' सणकुमारे अद्वारस राईदियाई चत्तालीस य मुहुत्ता' सनत्कुमारे देवलोके अष्टादश रात्रिंदिवानि चखामें जो अन्तर है वह इस प्रकार से है - ( संमुच्छिम पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं दो अंतो मुत्ता) संमूच्छिम जन्मवाले जो पंचेन्द्रिय तिर्यच हैं उनका अवस्थानकाल दो अन्तर्मुहूर्त का है- इनमें प्रथम एक अन्तर्मुहूर्त जो है वह विरहकाल का है और दूसरा अन्तर्मुहूर्त समान संख्या वालों के उत्पाद का और मरण का समयरूप है । (गन्भवक्कंतियाणं चडवीसं मुहुत्ता) तथा जो गर्भ जन्मवाले पंचेन्द्रियतिर्यच हैं उनका अवस्थानकाल चौवीस मुहूर्त का है । ( संमुच्छिममणुस्साणं अडचत्तालिसं मुहुता) संमूच्छिम जन्म वाले जो मनुष्य हैं उनका अवस्थानकाल अडतालहू का है । (गन्भवक्कंतियमणुस्साणं चउवीस मुहुत्ता) तथा जो गर्भजन्सवाले मनुष्य हैं उनका अवस्थानकाल चौबीस मुहर्त का है ( वाणमंत रजोइस सोहम्मीसाणेसु अट्टचन्तालीसं मुहुत्ता) वानव्यन्तर
( संमुच्छिमप'चिदियतिरिक्खजोणियाण दो अंता मुहुत्ता ) संभूग्भि જન્મવાળા પૉંચેન્દ્રિય તિય ચાનેા અવસ્થાન કાળ એ અન્તર્મુહૂર્તના છે. તેમાંનું પહેલું એક અન્તર્મુહૂત વિRsકાળનુ છે અને બીજી અન્તર્મુહૂત સમાન सभ्यावाणामना उत्पादना भने भरगना सभय३य छे. ( गव्भवक तियाण चवीस मुहुत्ता ) - नन्भवानां यथेन्द्रिय तिर्ययानो अवस्थान आज २४ भुहूर्त'ना छे. ( समुच्छिममणुस्साणं अट्ठचत्तालीसं मुहुत्ता) सभूमि भ• वाणा भनुष्योनो अवस्थान आज ४८ मुहूर्तनो छे. ( गभवक्क तियमणुस्साणं चवीसं मुहुत्ता ) तथा गर्भ न्भवाणा भनुष्योनो आवस्थान आज २४ भुतन छे. ( वाणमंतर जो इस सोहम्मीसाणेसु अटूचत्तालीसं मुहुत्ता ) पानव्य तर, જ્યાતિષિક, સૌધર્મ અને ઇશાન દેવલેાકમાં ૪૮ મુહૂતના અવસ્થાન કાળ છે. (स' कुमारे अट्ठार सराई दिया चत्तालीसय मुहुत्ता ) सनत्कुमार देवलेाभां
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