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________________ प्रमैपचन्द्रिका मे० श० ५ ० १ सू० २ रात्रिदिवसस्वरूपनिरूपणम् ११. __मूलम्----" जया णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्डे दिवसे हवइ, तयाणं उत्तरड्डेऽवि दिवसे भवइ, जयाणं उत्तरड्ढेऽवि दिवसे भवइ, तयाणं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरस्थिमपच्चत्थिमेणं राई भवई ? हंता, गोयमा! जयाणं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे वि दिवसे जाव-राई भवइ जयाणं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमे णं दिवसे भवइ, तयाणं पच्चस्थिमण वि दिवसे भवइ, जयाणं पच्चस्थिमेणं दिवसे भवइ, तयाणं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स फवंयस्स उत्तरदाहिणणं राई भवइ ? हंता, गोयमा ! जयाणं जंबुद्दीवे दीवे मंदरपुरस्थिमेणं दिवसे जाव - राई भवइ जयाणं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, तयाणं उत्तरड्डे वि उक्कोसए अट्ठारस-, मुहुत्ते दिवसे भवइ, जयाणं उत्तरड्डे उक्कोसए अट्ठारस मुहुत्ते दिवसे भवइ, तयाणं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पुरथिमपच्चत्थिमेणं जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ ? हंता, गोयमा ! जयाणं जंबुद्दीवे दीवे जाव-दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, जयाणं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पुरस्थिमे उक्कोसए अहारस मुहुत्ते दिवसे भवइ, तयाणं जंबुद्दीवे दीवे पच्चस्थिमेण वि उक्कोसेणं अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ, जयाणं पच्चस्थिमेणं उक्कोसिए अट्ठारस मुहुत्ते दिवसे भवइ, तया णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे उत्तरे दुवालसमुहुत्ता जाव-राई
SR No.009314
Book TitleBhagwati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages1151
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size74 MB
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