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प्रमेयचन्द्रिका टीका श० ५ ०४ सू० १ छमस्थशब्दश्रवणनिरूपणम् १८६ षदिशं शृणोति । छद्स्थः खलु भदन्त ! मनुष्यः किम् आराद्गतान् शब्दान् शृणोति पारगतान् शब्दान् शृणोति ? गौतम ! आराद्गतान् शब्दान् शृणोति, नो पारगतान् शब्दान् शगोति यथा खलं भदन्त ! छद्मस्थो मनुष्यः आराद्गतान् शब्दान् शृणोति, नो पारगतान् शब्दान् शृणोति तथा खलु भदन्त ! केवली मनुप्यः किम् आराद्गतान् शब्दान् शृणोति, नो पारगतान् शब्दान् गणोति ? गौतम् , केवली आराद्गतं वा, पारगतं वा, सर्वदूरमूलम् अनन्तिकं शब्दं जानाति! हैं तभी सुनता है अस्पृष्ट नहीं सुनता है । योवत् स्पृष्ट होने पर वह छहों दिशाओं से आगत शब्दों को सुनता है । ( छउमत्थेणं भंते ! मणूसे कि आरगयाइं सहाई सुणेह, पारगयाइं सदाइं सुणेइ ) हे भदन्त ! छद्मस्थ मनुष्य पास के शब्दों को सुनता है ? या दूर रहे हुए शब्दों को सुनता है ? (गोयमा ! आरगयाइं सदाइंसुणेइ, नो पारगयाइं सदाणि सुणेइ ) हे गौतम ! छद्मस्थ मनुष्य पास के शब्दों को सुनता है दूर रहे हुए शब्दों को नहीं सुनता है । ( जहा णं भंते ! छउमत्थे मणुस्से आरगयाइं सद्दाइं सुणेइ, णो पारगयाइं सद्दाई सुणेइ ) हे भदन्त ! जैसे छमस्थ मनुष्य पास के शब्दों को सुनता है, दूर के शब्दों को नहीं सुनता है (तहा णं भंते ! केवली मणुस्ले किं आरगयाइं सद्दाइं सुणेइ, णो पारगयाइं सदाइं सुणेइ ) उसी प्रकार से केवली क्या पास के ही शब्दों को सुनता है और दूर के शब्दों को नहीं सुनता है ? (गोयमा! केवली गं आरगयं वा पारगयं वा सव्वदूरमूलमणंतियं सदं जाणइ पासइ) हे गौतम । केवली मनुष्य तो पास के शब्दों को दूर के शब्दों को तथा अनंतिक बीच के शब्दों को जानते हैं और देखते हैं । ( से केणढे સાભળે છે, અસ્પૃષ્ટ હોય ત્યારે સાંભળતા નથી. સ્પષ્ટ થાય ત્યારે છએ
शामामाथी माता शपने ते सामने छ. ( छ उमत्थेणं भंते ! मणुसे कि • आरगयाई सद्दाई सुणेइ, पारगयाइं सहाई सुणेइ ) महन्त ! छमस्थ મનુષ્ય નજીકના શબ્દોને સાંભળે છે, દૂરના શબ્દોને સાંભળતું નથી જાણ भंते ! छउमत्थे मणुस्से आरगयाइं सहाई सुणेइ, णो पारगयाई सदाई सुणेह) હે ભદન્ત! જેમ છદ્મસ્થ મનુષ્ય નજીકના શબ્દોને સાંભળે છે, દૂરના શબ્દોને सांगत नथी, (तहाणं भंते ! केवली मणुस्से किं आरगयाइं सहाई सुणेइ, णो पारगयाइ सहाई सणेइ ) तमशुपक्षी मनुष्य पशु नाश होने सांसणे छ भनेरना शहाने समजत नथा १ (गोयमा ! केवली णं भारगयं वा पारगय वा सन्धदरमलमणतियं सदं जाणइ पासइ) 8 गौतम! दी तो नना शण्डो नेदरना wोने, म तेमनी पश्यना शहोने परतणे छ भने मेछ. (से