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भगवतीने मा . प्रन्ति । अम्ति ग्वलु भदन्त : सामुद्रिकाः ईपत्पुरोवाताः ! T, प्रतिपदा पट भदन्न ! द्वैप्याः ईपत्पुरो बानाः तदा सामुद्रिकाः
गानाः ? यहा ग्बन्छ, मामुद्रिकाः ईपत्पुरोवाताः० तदा द्वैप्या भीगाना ?। नायमर्थः समर्थः । तत् केनार्थेन भदन्त ! एवम् उच्यते -माया गपुगेवानाः० नो तदा सामुद्रिकाः ईपत्पुरोवाताः यदा सामु. विका सुवानाः० नो नदा द्वेप्याः ईपत्पुरोवाताः० ? गौतम ! तेषां वाता
भन्न पगवान आदि वायुएँ द्वीप में हैं ? (हंता, अस्थि) हां गम ! पगवान आदि वायु द्वीप में भी हैं । (अस्थिभंते । मामुटमा दमिपुरे वाया० ) ह भदन्न ईपत्पुगेवान आदि वायुएँ समुद्र में (ना, दस्थि । हां, गौतम ! ईपत्पुरोधात आदि समुद्र में भी
(जया भंते दीविच्चया ईसिपुरे वाया , तया णं सामुद्दया विईमिरे वाया. जया मामुख्या ईसिंपुरेवाया ०, तयाणं दीविच्चया एमिरे यागा) हे भवन्न ! जिस समय ठीप संबंधी ईपत्पुरोवात आदि वायु गनदी। उस समय ममुद्र संबंधी ईपत्पुरोवात आदि वायुम् च. म. नया? और जिस समय समुद्र संबंधी ईपत्पुरोवात आदि वायु ऐ परनी हैं. उस समय कीप सम्बन्धी ईपत्पुगेवात आदि वायुएँ चलते किया ? (जो रणटे सम?) हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है। (से पै.गणं भने ! पगुचाजया दीविच्चया ईमिपुरे वाघा० णो णं मया मानुरया ईग्निपुरे वाया. जयाण मानुन्या इमिपुरवाया णो णं
मी । नायियगा इंसिंपुरवाया.) महन्त ! ५i पc.
२. ? (ना, अरिय, गीतम! वायुमे। E
. (अस्थिण भंन ! मामुगा ईसिंपुरवाया?) महन्त ! -
मा. दाय ? २i ? (हता अस्थि ) .' .
पाय 2. (जमाण भंते ! दीविच्चया ईमि पुरे4.
R A Nनि पुंगाना. जयाण मामुया ईमिपुर वाया. तयाण ger f a ara! त्याहीपना पत्रोदात मा १, २, My परात्पुयात मा वायु* ...
picनयात माहि वायु पाता .... minान वायुगो यात सराय छे ? .:--
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पाया, गणतया सामुद्दया इसिंपुरे. ... - VIEnरे यायाको नया दविन्यया ईसिंपुरे पाया १)