________________
भगवती
१९०
"
परिष्कार्य पाकादिना परिशोधनादिना संस्कृत्य 'मित्त-णाड़-नियम-सयनसंबंधि- परियणं' मित्र - ज्ञाति-निजक - स्वजन सम्बन्धि- परिजनम् पूर्वोक्त सह बन्धुटुम्ब परिवारादि सम्बन्धिवर्गम् आमंतेत्ता ' आमन्त्र्य निमन्त्र्य सं मित्र ज्ञाति-निजक-सम्बन्धि परिजनम् विपुलेन मचूरेण उपर्युक्ताऽऽशनपानंखाद्यस्वायेन गन्ध- माल्यालङ्कारेण च 'सक्कारेना' सत्कार्य भोजनद्वारा उपहारद्वारच सम्मान्य- सम्मानयित्वा तस्यैव उपर्युक्तकस्यैव मित्र-शाति-निजक सम्बन्धि - परिजनस्य पुरतोऽग्रे समक्ष इत्यर्थः 'जेटपून' जेष्ठपुत्रं कुदुचे 'ठावेता' स्थापयित्वा नियोज्य तदुपरि कुटुम्बभारान् निक्षिप्य तं मित्र-शातिनिजक-सम्बन्धि परिजनं कुटुम्बबन्धुजनं ज्येष्ठपुत्रञ्च 'आपुच्छिता' आपृच्छय तेभ्यो निजविचारं वेत्ता' विपुल मात्रा में अशन, पान, खादिम और स्वादिम आहार रचना करके 'मित्तणाह नियग सयण संबंधि परियणं मित्रजन, ज्ञातिजन, निजजन-स्वजन संबंयोजन एवं परिजनों को 'आमतेत्ता' आमंत्रित करके ' तं मित्तणाइणिय संबंधिपरियणं उन मित्रादि जनोंका 'चिजलेणं उस विपुल ' असण पाण खाहम साइमेणं' अशन आदि द्वारा, तथा 'वत्थगंधमलालंकारेणं ' वस्त्र गंध मात्य एवं अलंकारों द्वारा सत्कार करूं और मन्मान करूं' | 'सकारेत्ता सम्माणित्ता' सत्कार सन्मान करके ' तस्सेव मित्तणाइणियगसंव धिपरिगणस्स पुरओ' फिर उन्हीं मित्रादिकों के समक्ष 'जे पुत्तं कुटुंबे' ज्येष्ठ अपने पुत्र को कुटुम्ब में स्थापित करके अर्थात् उसके ऊपर कुटुम्ब का भार रख करके तं मिता नियम संबंधि परियणं जेट्ठपुलंच आपुच्छित्ता' फिर मै उन अपने मित्रादिकों से और उस ज्येष्ठपुत्र से पूछकर 'सयमेव आद्य ने स्वाद्य भाडार रंधावीने " मित्तणाइ णियगसयण संबंधीपरीयणं " मित्रो, ज्ञातिन्ना, मुटुजीओ, समधीओ भने परिश्रमाने "आमंतेत्ता" आमंत्रीने
:
“ á framgfüan-dafìqfzai " à fual, sıları, zgull, समधीओ भने परिजनोना "बिउलेणं" ते विस "असगपाण खाइम साइमेणं" ભજન આદિ દ્વારા તથા (6 गंधमलालंकारेणं " વસ્ત્ર, સુગઋષિ દ્રબ્યા, માળાએ अने भाडा पडे सत्कार उरीश, "सकारेत्ता सम्माणित्ता" तेमनो सत्तार ने " तस्सेव मित्तणाइणियगसंबंधिपरियणस्स पुरओ " ते मित्राहि न्नानी समक्ष "जेव पुत्तं कुटुंबे " भारा न्येष्ठ पुत्रने मुटुमनी नवामधारी सोंची. " मित्तणाइनियग संबधिपरियणं जेहपुत्तं च आपुच्छित्ता" त्याश्याह ते મિત્રો, જ્ઞાતિજને, કુટુબીએ, સબંધીઓ, પરિજના અને જ્યેષ્ઠ પુત્રની રજા લઈને