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८२२ पा, मन्दवर्षा इति था, मुष्टि इति बा, हिः इति वा, उम्मेदा इति दा, उदयाहा इति वा, अपवाहा इति वा, प्रवास इति गा, ग्रामबाग इति चा, यावत्-सभिवेशनाहा इतिवा, माणक्षया , यावत्-तेषां गा पस्नकापियाना देवानाम्, शक्रस्य देवेन्द्रस्य, देवरानस्य वरुणस्य मगरानस्प यावत्-पया ऽपस्याऽमिनासा अमवन, तपथा-पोटप', पर्दमक, अञ्जन , पाइलपासा, पुण्डू , पलाशः, मोद , जय , दपिमुख', अयपुल , कातरिक, अक्रस्य देवे इमाई) जो पे उत्पात रुप कार्य (समुप्पन ति) उस्पन होते है (त जहा) जैसे-(भावासावा) अतिवर्षा, (मदवामा इवा) मदया, (सुघुट्टी इषा) सुपृष्टि, (दुपट्टी इवा) दुष्टि, (उदन्मेदाइ बा) उदक मेद (उदप्पीला इ पा) उदकोस्पोडा (उच्चाहाइवा) भपवार-भरूपप्रवाह (पञ्चहाइ वा) प्रवाह (गामवाद्दाइ घा) ग्रामवार (जाव सनिबेसबाहाह मा) यावत् सन्निवेशवार (पाणक्खया जाव) प्राणक्षय-ये सब वरुण महाराज से यावत् (तेमि वा वरुणकाइयाण देवाणं) वरुणकायिक देवों से अज्ञात नहीं है। (सफ्फस्स ण देदिस्स देवरणो वरुणस्स महा रण्णो जाप अहापयामिण्णाग होत्या) देवेन्द्र देवराज शक्रकेतृतीय लोकपाल घरुण महाराजको ये देख अपत्यके से अभिमत हैं। (ते जहा) घे देव ये है-कपकोहए, कामए, अजणे, सलवालए, पुरे, पलासे, मोए, जए, दहिमुहे, अयपुले, कापरिए) कर्कोटक, कर्दमक, समप्पण्जति ) 2 व्या xaudit R 8५ बाय ३ रुम भ L and नयी- (महा) asalना नाम नीय प्रभाव- (आबासाहमा, मंदपासा पा) तिव, मा , (अहीद वा दुपट्टीई पा)अष्टपट ( उदन्मेदाइ पा) 865 , (उदप्पीलाइ वा) Girlls (उबागा मा) अपना-HE५पास, (पन्नहार वा) all (गामपाहार वा) भाभपापी (नाष सनिषेसवादार पा) ने शनिवेश पतन : (भणमा dary
) (पाणरखया माय) प्राक्ष५ मा SuR पर भाशयी अज्ञात नवी (तेसिंघा बरणकाइयाण देवाण) ने पुरुषामि देवीथी ५५ मत ना. (सक्कस्सण देविदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारग्णो जाव महापच्चाऽमिष्णाया स्था देने १५ ना alsue वरुन पुत्रानीय व सपाय,
भना नाम नाम अभार-(ककोरए, कामप, अमणे, सलगाए. पुरे, पलासे, मोए, मर, दरिमई, भयपुछे, कायरिए) #s, भा