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________________ सुधा टीकास्था०५३०१ सू०१७ चमरेन्द्रादीनां अनीकान् अनीकधिपती श्चनि० ५७७ रिंदस्त नागकुमाररणो पंच संगामिया अणिया पंच संगामियाहिवई पण्णता, तं जहा-पायत्ताणिए जाव रहाणिए । दक्खे पायत्ताणियाहिबई, सुरगीवे आसराया पीढाणियाहिबई, सुबिकमे हस्थिराया कुंजराणिवाहिवई, सेयकंठे महिलाणियाहिबई, नंदुत्तर रहाणियाहिबई । वेणुदेवस्ल णं सुवणिदस्स सुवण्णकुमाररणो पंच संगालिया अणिया पंच संगामियाणियाहिबई पण्णता, तं जहा-पायन्ताणिए जाव रहाणिए, एवं जहा धरणस्स सहा वेणुदेवस्स वि । वेणुदालियस्त जहा सूयाणंदस्त । जहा धरणस्त तहा सव्वेसिं दाहिणिल्लाणं जाव घोलल । जहा भूयाणंदस्स तहा लव्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाइ महाघोलस्स । लकरल जं देविंदस्त देवरज्णो पंच संगामिया अणिया पंच संगामियाणियाहिबई पण्णत्ता, तं जहा-पायत्ताणिए जाव उसआणिए रहाणिए । हरिणेगमेसी पायत्ताणियाहिवई, वाऊ आलराया पीढाणियाहिवई, एरावणे हत्थिराया कुंजराणियाहिबई, दामड्नी उसमाणियाहिबई, माढरो रहाणियाहिबई। ईसाणस्स णं देविंदल देवरन्नो पंच संगामिया अणिया जाव पायत्ताणिए १, पीढाणिए २, कुंजराणिए ३, उसमाणिए ४, रहागिए ५। लहुपरकामे पायत्ताणियाहिबई, महाबाऊ आसराया पीढाणियाहिवई पुष्पदंते हत्थिराया कुंजराणियाहिबई, सहादामडी उसभाणियाहिवई, महामाढरे रहाणियाहिबई । जहा सकस्स तहा सव्वेसि दाहिणिलाणं, जाब आरणल्स । जहा ईसाणस्स तहा सठनेति उत्तरिल्लाणं जाव अच्चुयस्स ॥ सू० १७ ॥ स्था-७३
SR No.009309
Book TitleSthanang Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages636
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size36 MB
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