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मोहके विपयभूत कपायोंका भेद सहित निरूपण ४६२-४७६ ___कालत्रयवर्ती कपागोंका निरूपण
४७६-४८ प्रतिमाके स्वरूपका निरूपण
४८४-४८७ ७४ जीवास्तिकायके विपरीत अजीवास्तिकायका भेद
सहित निरूपण ४८८-४८९ '७५ . फलके दृष्टान्त से पुरुषादिका निरूपण
४९०-४९३ ७६ सत्यासत्य निमित्तक प्रणिधान के स्वरूपका निरूपण १९४-५०० ७७ पुरूपके स्वरूपका निरूपण
५००-५१४ ७८ 'लोकपालादिकों के स्वरूपका निरूपण
५१४-५२६ ७९ प्रमाणके स्वरूपका निरूपण
५२६-५३० - ८० दिक्कुमारि महत्तरिकाओंका निरूपण
५३१-५३४ ८१ भेदसहित दृष्टिवादका निरूपण
५३४-५३६ ८२ प्रायश्चित्तका निरूपण
५३६-५४१ ८३काल के स्वरूपका निरूपण
५४१-५४४ पुद्गलों के परिमाणका निरूपण
५४५-५४६ जीवद्रव्य के परिणामोंका निरूपण
५४६-५५० दुर्गति-सुगतिरूप परिणामों के एवं दुर्गत-सुगतों
के भेदोंका निरूपण ५५१-५५५ क्षयके परिणामों के क्रमका निरूपण ५५५-५५७ हास्यके कारणोंका निरूपण दृष्टान्त दार्टान्तिक पूर्वक अन्तरसूत्रका निरूपण ५५९-५६१ भेदसहित भृतकका निरूपण
५६२-५६५ देवत्वका निरूपण
५६६-५७३ ९२, विकृतिके स्वरूपका निरूपण ९३ . दृष्टान्त और दार्टान्तिक सहित कूटागार आदिका
निरूपण ५७५-५७७ ९४ दार्शन्तिक स्त्री सूत्रका निरूपण ९५ - प्राप्तिका निरूपण
५७८-५७९ ५८०-५८१
५५८
५७३-५७४