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पूर्वविदेौ द्वौ अपरविदेहो, द्विके देवकुस्त्र द्वौ देवकुरुमामी, द्वौ देवकुरुमहाद्रुमवासिनौ देवौ । द्विके उत्तरकुरवः द्वौ उत्तरकुरुमहाशुमी, द्वौ उत्तरकुरुमहाम वासिनी देवी हमवन्तौ द्वौ महाहिमवन्तौ द्वौ निपढौ, द्वौ नीलवन्तो, द्वौ रुक्मिणौ द्वौ शिखरिणो, द्वौ शब्दापातिनौ द्वौ शब्दापातवासिनी स्वाती देवौ । द्वौ विकटापातिनौ द्वौ विकटापातकासिनौ प्रभासौ देवौ । द्वौ गन्धापातिनी गन्धापातिवासिन अरुणौ देवौ । द्वौ माल्यवत्पर्यार्थी हौ माल्यवत्पर्यायवासिनौ
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देवी द्वौ माल्यवन्तौ द्वौ चित्रकूटो, हो पद्मकूटी हो नलिनकूटी हो एकशैलौ द्वौ त्रिकूटो, द्वौत्रे श्रवणकूटौ द्वौ अञ्जनी, द्वौ मातञ्जनो द्वो सौमनमो, हो विद्युत्प्रभो, द्वे अङ्कावत्यो, द्वेपद्मावत्यो द्वो आशीबिपी हो सुखावहो, हो चन्द्रपर्वतो, द्वौ सूर्यपर्वतौ द्वौ नागपर्वतौ द्वौ देवपर्वत द्वीगन्धमादनों, द्वौ इक्षुकारपर्वतों, द्वौ क्षुल्लहिमवत्कृटौ द्वौ
हैरण्यवत, दो हरिवर्ष दो रम्यकवर्ष, दो पूर्वविदेह, दो अपरविदेह, दो देवकुरु, दो देवकुरुमहाद्रुम, दो देवकुरुमहाद्रुमवासीदेव, दो उत्तरकुरु, दो उत्तरकुरुमहाद्रुम, दो उत्तरकुरुमहाद्रुमवासीदेव, दो क्षुल्लकहिमवान्, दो महाहिमवान्, दो निषध, दो नीलवन्त, दो रक्मी, दो शिखरी, दो शब्दापाती, दो शब्दापातिनिवासीस्वाति देव, दो विकदापाती, दो विकटापातिवासी प्रभासदेव, दो गन्धापाती, दो गन्धापातीनिवासी अरु
देव, दो माल्यवत्पर्याय, दो साल्यवत्पर्यांयवासी पद्मदेव, दो माल्यवन्त दो चित्रकूट, पद्मकूट, दो नलिनकूट, दो एकशैल, दो त्रिकूट, दो चैत्रवणकूट, दो अञ्जन, दो मानजज्न, दो सौमनस, दो विद्युत्प्रभ, दो raat, दो पद्मावती, दो आशीविप, दो सुखावह, दो चन्द्रपर्वत, दो सूर्यपर्वत, दो नागपर्वत, दो देवपर्वत, दो गन्धमादन, दो इक्षुकारपर्वत,
डैभवत, मेरएयवत, मे हरिवर्ष, रम्यम्वर्ष, मे पूर्व विहेड, को पश्चिम विद्वेड, मे દેવકુરુ મહાકુમ, એ દેવકુરુ મહા ક્રમવાસી દેવ, ખેલઘુ હિમવાન, ખે મહાહિમવાન્, जे निषेध, मे निसवन्त को रुम्भी, मे शिमरी, शब्दायाती को शब्दायातीनिवासी स्वातिद्वेष, यो विष्टापाती, मे विष्टायाती प्रलास हेव, मे गन्धायाती, को जन्धाપાતિનિવાસી અરુણુદેવ, ખે માણ્યવત્પર્યાય, ખે માલ્યવન્પર્યાયવાસી પદ્મદેવ, जे भाझ्यवन्त, मे चित्रईट, में पद्मछूट, मे नसिनट, मेोडशेस, में त्रिस्ट, यो वैश्रवयुट, जे अन्न, मे भात भन, को सौमनस में विद्युत्प्रल, मे - वती, थे पद्मावती, मे भाशीविष, में सुभावडे, मे यन्द्रपर्वत, मे सूर्य पर्वत, को नागपर्वत, जे देवपर्वत, जे गन्धमाहन, मेक्षुअर पर्वत, मे क्षुद्रहिभ.