SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - समयार्थवोधिनी टीका प्र. श्रु. अ. १० समाधिस्वरूपनिरूपणम् मूलम्-उड्ढे अहेयं तिरिय दिसासु, तेसा य जे थावर जे य पाणा। हत्थेहि पाएहिं य संजमित्ता, अदिन्नमन्नेसु य जो गहेजों ॥२॥ छाया-ऊर्ध्वमधस्तियंग दिशासु-त्रमाश्च ये स्थावरा ये च प्राणाः। . हस्ताभ्यां च पादाभ्यां संपम्य, अदत्तमन्यै च नो गृह्णीयात् ॥२॥ अन्वयार्थः- (उडू अहेयं तिरिय दिस.सु) ऊर्ध्वमस्तिर्यदिशासु-पाच्याधर्म को सुनो अपने तप के फल को कदापि कामना न करो। समाधि से युक्त होकर, सावद्य अनुष्ठाननहीं करते हुए विशुद्ध धर्मका पालन करो।। 'उई अहेयं तिरिय इत्यादि। शब्दार्थ-'उर्दू अहेयं तिरियं दिसासु-ऊर्चमधस्तिर्यग दिशासु' ऊपर नीचे और निरछी दिशाओं में 'तसाय जे थावरा जे य पाणाप्रसाश्च ये स्थावराः ये च प्राणा' त्रस और स्थावर जो प्राणी रहते हैं उन प्राणियों को 'हत्थेहि पाएहि य संजमित्ता-हस्ताभ्यां च पादाभ्यां संयम्य' हाथ और पैर अपने वशमें रखकर अर्थात् बांध कर पीडा न करनी चाहिये 'अग्नेस्तु य दिन्नं नो गहेज्जा-अन्यैश्चादत्तं न गृहीयात्' तथा अन्य के द्वारा विना दी हुई चीज न लेनी चाहिये ।।२।। ___ अन्वयार्थ-ऊर्ध्व दिशा, अधो दिशा और तिर्थी दिशाओं-पूर्व કરવી નહીં. સમાધીથી યુક્ત થઈને, સાવદ્ય અનુષ્ઠાન કર્યા વિના વિશુદ્ધ ધર્મનું પાલન કરો. તેમાંજ કલ્યાણ સમાયેલ છે. આ 'उड्ढे अहेयं तिरिय त्याह शहाथ:--'उल्लू अहेय तिरिय दिसासु-ऊर्ध्वमधस्तियग् दिशासु' ५२ नाये भने तिरछी हशाममा 'तसा य जे थावस जे य पाणा-त्रसाध ये स्थावराः ये च प्राणाः भने श्राप२२ प्राणियो २९ छ. मे प्रालियान हत्थेहिं पाएहि य संजमित्ता-हस्ताभ्यां चः पादाभ्यां च स यम्य' थ भने ५५ पोताना शमा राभान मर्यात् 12 ५ मांधान पी७ ४२वी नन से 'अन्नेसु य अदिन्नं नो गहे-अन्यैश्चादत्त न गृह्णीयात्' तथा भीती द्वारा माया विनानी पस्तु લેવી ન જોઈએ છે અન્વયાર્થ– ઉર્વદિશા, અધદિશા અને તિરછીદિશાઓ-પૂર્વ દિશા વિગેરેમાં सू० १२
SR No.009305
Book TitleSutrakrutanga Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1970
Total Pages596
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy