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________________ समाबोधिनी टीका प्र. श्रु. अ. ४ उ.१ स्त्रीपरीषहनिरूपणम् २०७ दर्शयन्ति, किंबहुना बाहू ऊ कृत्य स्वकामषिपदर्शयन्ति, ततोऽनुकूल स्थान वजन्ति एते हि प्रकाराः पुरुषव्यामोहाय भवन्तीति कामशास्त्रे प्रसिद्धा, इति भावः ।। मलम्-सयासणेहिं जोगेहिं इथिओ एगया णिमंतंति। एंयाणि चेव से जीणे पासाणि विरूवबैबाणि ॥४॥ छाया- शयनासनेन योग्येन स्त्रिय एकदा निमंत्रयन्ति । एतानि चैव स जानीयात् पाशान् विरूपरूपान् ॥४॥ ___ अन्वयार्थः-(गया) एकदा-कदाचित् (इत्थीओ) स्त्रियः (जोग्गेहि) योग्यः उपभोगयोग्यैः (सयणासणेहि) शयनाशनेन (निमंतंति) निमंत्रयन्ति साधुम् यांधने का बहाना करती हैं । शरीर के निम्न भाग को उन्हें दिखलाती हैं । भुजाएं ऊंची करके और अपनी कांखें दिखलाकर अनुकूल स्थान में जाती हैं ॥३॥ शब्दार्थ-'एगया-एकदा' किसी समय 'इथिओ-स्त्रियः' स्त्रियों 'जोगेहि-योग्येन' उपभोग करने योग्य 'सयणासणेहि-शयनासनैः' पलंग और आसन आदिका उपभोग करने के लिये 'णिमंतति-निमंत्रयन्ति' 'साधुको आमंत्रण देती है परंतु 'से-सः' वह साधु 'एयाणिएतानि' इन्हीं सब बातों को 'विरूवरूवाणि-विरूपरूपान्' अनेक प्रकार के 'पासाणि-पाशान्' पाशवन्धन 'जाणे-जानीयात्' जाने ॥४॥ ... अन्वयार्थ--कभी कभी स्त्रियां उपभोग के योग्य शाय्या (विछौना) और आसन के लिए साधु को आमंत्रित करती हैं, परन्तु साधु उन शरया आसनों की विविध प्रकार के कर्मों का बन्धन समझे ॥४॥ વાર કીધું કરીને ફરી ઠીક કરવાને ટૅગ કરે છે, પોતાના શરીરના અધે ભાગને બતાવીને તથા કઈ પણ બહાને ભુજાઓ ઊંચી કરીને બને બગલે બતાવીને સાધુની કામવાસનાને પ્રદીપ્ત કરવા પ્રયત્ન કરે છે. આવા ___evar-'एगया-एकदा' । समये 'इथिओ-स्त्रियः' श्रियो 'जोगेहि -योग्येन' Guin ४२१॥ येय 'सयणासणेहि-शयनासनैः' ५ अने मासन विगेरे San B२१॥ माटे 'णिमंतति-निमंत्रयन्ति' साधुने मात्र ४२ - ५२'तु 'से-सः' साधु 'एयाणि-एतानि' सा तमाम पाताने 'विरूवरूवाणि -विरूपरूपान्' भने ४२न 'पासाणि-पाशान्' पाश मन्धनाने 'जाणेबानीयात्' सभल . ॥४॥ સૂવા–કોઈ કોઈ વખત સિઓ ઉપગને ચોગ્ય શા અને શાસનને સ્વીકાર કરવાને માટે સાધુને આગ્રહ કરે છે, પરંતુ તે શ૩
SR No.009304
Book TitleSutrakrutanga Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages730
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size46 MB
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