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________________ विषय (१) भवनपतिदेवमेद (२) व्यन्तरदेवभेद (३) ज्योतिष्कदेवभेद (४) वैमानिकदेवभेद कल्पातीत पड्जीवनिकाय मेदसंकलन जीवसंख्या कर्मवादिप्रकरण (१) कर्मस्वरूप (२) कर्मसिद्धि (३) कर्म का मूर्चस्व (४) जीव और कर्म का संबन्ध (५) कर्म का अनादित्व (६) अकर्मवादिमत निराकरण (७) बन्धस्वरूपनिरूपण (८) बन्धकारण निरूपण (१) प्रकृतिवन्ध ७ आठ कर्मों के लक्षण (२) स्थितिबन्ध स्थितिबन्धकोष्ठक (३) अनुभाववन्ध पुण्यपापकर्मनिरूपण सर्वधाति प्रकृतियाँ (२०) देशघाति प्रकृतियाँ (२५) अघाति प्रकृतियाँ (७५) उत्तरप्रकृतिसंख्या (१४८) पृष्ठाङ्कः २८४ २८६ २८७ ૨૮૮ २९४ २९५ २९८ २९९ ३०० ३०१ ३१२ ३१३ ३१७ ३१८ ३२० ३२५ ३३२ ३३३ ३३४ ३३६-३३७ ३३८ ३४४ ३४७ ३५२ ३५६ ३५८-३७४
SR No.009301
Book TitleAcharanga Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages915
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size25 MB
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