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श्री आचारागसूत्र प्रथमश्रुतस्कन्ध प्रथम अध्ययनका
विपयानुक्रम विपयमगलाचरण अवतरणा
३-१५९ भगवान् के वचनों में कल्पवृक्ष के फूलों
के पच्चीस (२५) गुणोंकी उपमा ४-१३ (२) भगवान् की वाणी के ३५ अतिशय १४-१९ (३) अनुयोग (४)
२०-२५८ (१) चरणकरणानुयोग
२०-२३ (२) धर्मकथानुयोग
२३-२४ (१) आक्षेपाप्यादिधर्मकथा (४) ६५-३१ (२) धर्ममहिमा
३२-३४ (३) गणितानुयोग
३५-५३ प्रवज्यादानसमयनिर्णय ३६-५३ (१) मासविचार (२) पक्षविचार (३) तिथिविचार
(४) वारविचार (५) नक्षत्रविचार (६) योगविचार (७) करणविचार (८) लग्नविचार (९) ग्रहविचार (१०) शीघ्रप्रव्रज्यासमयनिरूपण