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________________ 31g,AJITOICHT प्रथम अध्याय सिद्धत्व-पर्यवसित जैन धर्म, दर्शन और साहित्य SSSSSSSSSSSSSSSSSS (मंगलमय णमोक्कार महामंत्र तृतीय वाचना जगत् का अनादि स्रोत आगमों का विस्तार सत्य की खोज चार अनुयोग भारतीय संस्कृति चरणकरणानुयोग वैदिक संस्कृति धर्मकथानुयोग श्रमण-संस्कृति गणितानुयोग बौद्ध-संस्कृति द्रव्यानुयोग जैन-संस्कृति आगम-परिचय संयम और आचार की महत्ता अंग-आगम जैनों का धर्म-प्रसार में औदासीन्य आचारांग-सूत्र जैन धर्म का अनादि स्रोत सूत्रकृतांग-सूत्र पंच-महाव्रत : चातुर्याम धर्म स्थानांग-सूत्र भगवान महावीर द्वारा तीर्थ-प्रवर्तन समवायांग-सूत्र भगवान् महावीर द्वारा तपश्चरण व्याख्याप्रज्ञप्ति-सूत्र और साधना ज्ञातृधर्मकथा-सूत्र आगम का अर्थ उपासकदशांग-सूत्र आगमों की भाषा अन्तकृद्दशा-सूत्र अर्द्धमागधी में भगवान् द्वारा धर्म-देशना १३ अनुत्तरौपपातिक-सूत्र आगमों की श्रवण-परम्परा प्रश्नव्याकरण-सूत्र आगमों का संकलन : प्रथम वाचना विपाक-सूत्र द्वितीय वाचना १६ / दृष्टिवाद PARAMESRENERS mins
SR No.009286
Book TitleNamo Siddhanam Pad Samikshatmak Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmsheelashreeji
PublisherUjjwal Dharm Trust
Publication Year2001
Total Pages561
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size53 MB
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