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जानन जानन
जानन जानन जानन जानन जाननेवाला कौन है स्व को जाने पर को जाने, जाने मेरे और तेरे को दुःख को जाने, सुख को जाने, जाने धूप और छांव को मित्रों जाने परिवार जाने, घर को और दुनिया को जाने जाने तो सब कुछ फिर भी ना जाने जानने वाले को
ठंडी जाने, गरमी जाने, हवा और तूफान पहचाने पीडा जाने, समता जाने, जाने ऊंच और नीच को बचपन जाने, युवानी जाने, जाने बुढ़े शरीर को
भूख जाने, प्यास जाने, जाने तृप्त पेट को जाने तो सब कुछ फिर भी ना जाने जानने वाले को
कड़वा जाने, मीठा जाने, जाने नमकीन और तीखास को पाताल जाने, आकाश जाने, खाईयां जाने और जाने पहाड़ों को झरने जाने, तालाब जाने, जाने नदियों और समुद्र को कुदरतकी सुन्दरता जाने, जाने उसके प्रकोपों को जाने तो सब कुछ फिर भी ना जाने जानने वाले को
जो जाने ये सब कुछ, जैसा है वैसा ही, और देखे जैसा जिन ने देखा
जो अनुभव में लाये जिन वाणी जैसा, तो जाननेवाला हे आत्मा-परमात्मा
नहीं तो मिथ्यात्व ही है चारों ओर जैसे सभी जीव देखें यह संसार अपना और हम भी तो देखते आये, मानते आये इस संसार को, जैसा हमारे कर्मो ने बताया
जानन जानन जानन जानन सच्चा जानने वाला तेरा ही शुद्ध स्वरूप है आत्मा
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