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Readers' comments on Free Prisoner (मुक्त गुलाम) Pujya Pandit Shree Gyanchandji Jain, Vidisha, M.P., India :
वर्तमान कालीन श्री ऋदिन सैलेर श्री महावीर स्वामी पर्यतीबीस तीर्थदर एवं प्राचार्य सुरमुन्द्रदेव उरा रचित श्री समयसार मारियों के माध्यम से वस्तु स्वरूपमा सम्यम् उद्घाटन करने माले रीमान में राज्य गुरुदेवश्री आनजी स्वामी हुए जिनले निमित्र से देश-विदेश से जिनशासनी मरी भावना और
हो रही है।-- उषा मारूनिरिकन मुख गुलाम" पुस्तक में श्री राज्य
युको श्री जया उड्याटिइनेल मूलभूत सिहार-भरवितान, कमर पाय, डव्य-गुण- पर्याय की मात्रा र मि मात्र ज्ञायडरका र सुन्दर विवेचन किया गया है। | सभी जीव झात्माराधना वक सम्यम् प्रभागता में निहित वनस्सीमगत याबारे
- जैनरल नागी कला पं.शानभर जेन निशा
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