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प्रकाशकीय
मनःस्थिरीकरणप्रकरण श्री संघ के करकमल में समर्पित करते हुए हमें आनन्द की अनुभूति हो रही हैं । श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के सन्निष्ठ समर्पित सहकारिगण की कडी मेहनत और लगन से दुर्गम कार्य सम्पन्न हुआ है । इस अवसर पर श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के संशोधन प्रकल्प हेतु गुप्तदान करने वाले दाता एवं श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी महानुभावों का हार्दिक अभिनन्दन करते है । इस ग्रन्थ के प्रकाशन का अलभ्यलाभ श्री पंचमहाजन मेरमांडवाडा श्री सिरोडकी तीर्थ संघ ने प्राप्त किया है । आपकी अनुमोदनीय श्रुतभक्ति के लिए हम आपके आभारी है ।
श्रुतभवन संशोधन केन्द्र की समस्त गतिविधियों के मुख्य आधारस्तंभ मांगरोळ (गुजरात) निवासी श्री चंद्रकलाबेन सुंदरलाल शेठ परिवार एवं भाईश्री (ईन्टरनेशनल जैन फाऊन्डेशन, मुंबई) के हम सदैव ऋणी है ।
-भरत शाह
(मानद अध्यक्ष)