SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 49
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विदेहक्षेत्रे विहरमान बीस-तीर्थकरेभ्यो नमः, पाँच भरत पाँच ऐरावत दशक्षेत्र-सम्बन्धि तीस चौबीसी के सातसौ बीस जिनराजेभ्यो नमः, नन्दीश्वरद्वीप-सम्बन्धी बावन- जिनचैत्यालयस्थ- जिनबिम्बेभ्यो नमः, पंचमेरुसम्बन्धि-अस्सी-जिनचैत्यालयस्थ जिनबिम्बेभ्यो नमः, सम्मेदशिखर कैलाश चंपापुर पावापुर गिरनार सोनागिर मथुरा तारंगा आदि सिद्धक्षेत्रेभ्यो नमः, जैनबद्री मूडबिद्री देवगढ़ चन्देरी पपौरा हस्तिनापुर अयोध्या राजगृही चमत्कारजी श्रीमहावीरजी पद्मपुरी तिजारा बड़ागांव आदि अतिशयक्षेत्रेभ्यो नमः, श्री चारणऋद्धिधारी सप्तपरमषित्रभ्यो नमः, ओं ह्रीं श्रीमंतं भगवन्तं कृपावन्तं श्रीवृषभादि महावीरपर्यन्तं चतुविंशति-तीर्थंकर-परमदेवं आद्यानां आद्ये जम्बूद्वीपे भरतक्षेत्रे आर्यखंडे ..... नाम्नि नगरे मासानामुत्तमे <.....शुभे....> मासे शुभे <.....शुभे....> पक्षे शुभ <.....शुभे....> तिथौ <.....शुभे....> वासरे मुनि-आर्यिकानां श्रावक-श्राविकाणां स्वकीय सकल-कर्म क्षयार्थं अनर्घ्यपद-प्राप्तये जलधारा सहित महायँ सम्पूर्णाऱ्या निर्वपामीति स्वाहा। (मास, पक्ष, दिन की जानकारी ना होने पर “शुभे” का प्रयोग करें) 49
SR No.009253
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages53
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy