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वसु-विधि के वश वसुधा सब ही, परवश अतिदुःख पावें | तिहि दुःख दूरकरन को भविजन, अर्घ्य जिनाग्र चढ़ावें || ___ परम-पूज्य वीराधिवीर जिन, बाहुबली बलधारी |
तिनके चरण-कमल को नित-प्रति. धोक त्रिकाल हमारी || ओं ह्रीं श्रीबाहुबली-परमयोगीन्द्राय अनर्घ्यपद-प्राप्तये अर्घ्य निर्वपामीति स्वाहा।९। Vasu-vidhi kē vaša vasudhā saba hī, paravaša atidu:Kha pāvēm | Tihi du:Kha dūrakarana kā bhavijana, arghya jināgra cashāvē ||
Parama-pūjya vīrādhivīra jina, bāhubalī baladhārī| Tinake carana-kamala ko nita-prati, dhoka trikala hamari || Om hrī śrībāhubalī-paramayõgīndrāya anarghyapada-prāptayē
arghyam nirvapamiti svāha |9|
जयमाला Jayamālā
(दोहा) आठ-कर्म हनि आठ-गुण, प्रगट करे जिनरूप | सो जयवंतो बाहुबली, परम भये शिवभूप ||
(Doha) Atha-karma hani atha-guna, pragata karé jinarupa | So jayavanto bāhubalī, parama bhayē śivabhūpa |
(कुसुमलता छन्द) जय! जय! जय! जगतार-शिरोमणि क्षत्रिय-वंश अशंस महान | जय! जय! जय! जगजन-हितकारी दीनो जिन उपदेश प्रमाण || जय! जय! चक्रपति सुत जिनके, शत-सुत जेष्ठ-भरत पहिचान | जय! जय! जय! श्री ऋषभदेव जिन सो जयवंत सदा जग-जान ||१||
जिनके द्वितीय महादेवी शुचि नाम सुनंदा गुण की खान | रूप-शील-सम्पन्न मनोहर तिनके सुत बाहुबली महान || सवा पंच-शत धनु उन्नत तन हरित-वरण शोभा असमान |
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