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नई बही मुहूर्त की सामग्री अष्ट द्रव्य धुले हुए, धूपदान 1, दीपक 2, लालचोल 1 मीटर, सरसों 50 ग्राम, थाली 1, श्रीफल1, लोटा जल का1, लच्छा, शाख 1, धूप 50ग्राम, अगरबत्ती, पाटे 2, चौकी 1, कुंकुम 50ग्राम, केसर पिसी हुई, कोरे पान, दवात, कलम (या लीड)2
सिन्दूर घी मिलाकर (श्री महावीरायनमः और लाभ शुभ दुकान की दीवाल पर लिखने को) फूलमालायें, नई बहियाँ, माचिस, कपूर देशी सुपारी आदि।
नवीन बही मुहूर्त
पूजा के पश्चात हर बही में केशर से साथिय मांड कर निम्न प्रकार लिखें तथा एक- एक कोरा पान रखे।
लाभ
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शुभ
श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री
श्री ऋषभ देवाय नमः।। श्री महावीराय नमः।। श्री गौतम-गणधरायनमः।। केवलज्ञान लक्ष्म्यै नमः।। श्री जिन सरस्वत्यै नमः।। श्री शुभ मिति कार्तिक बदी 30........॥ ..........वार।। दिनांक .../.../19ई. को शुभ बेला में दुकान श्री की बही का मुहूर्त किया
यह विधि हो जाने के बाद विधि करनेवाले, दुकान के मुख्य सजन को बही में लच्छ बान्ध कर हाथ में बही देवें और पुश्प क्षेपे।
इसके बाद घर के प्रमुख महाशय नीचे लिखा हुआ पद्य व मंत्र पढकर शुभकामना करें और फूलमाला पहिनाकर पुष्प क्षेपण करें।
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