________________
जो अहिच्छत्र ह्रदय से ध्वावे, सो नर उत्तम पदवी वावे | पुत्र संपदा की बढ़ती हो, पापों की इक दम घटती हो | है तहसील आंवला भारी, स्टेशन पर मिले सवारी | रामनगर इक ग्राम बराबर, जिसको जाने सब नारी नर | चालीसे को 'चन्द्र' बनाये, हाथ जोड़कर शीश नवाये | सोरठाः- नित चालीसहिं बार, पाठ करे चालीस दिन |
खेय सुगन्ध अपार, अहिच्छत्र में आय के | होय कुबेर समान, जन्म दरिद्री होय जो | जिसके नहिं सन्तान, नाम वंश जग में चले ||
60