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श्री बाहुबली भगवान की आरति (1) चंदा तू ला रे चंदनिया, सूरज तू ला रे किरणाँ ... (२) तारा सू जड़ी रे थारी आरती रे बाबा नैना सँवारूँ ...(२)
थारी आरती ... चंदा तू...॥ आदिनाथ का लाड़लाजी नंदा माँ का जाया ...(२) राजपाट ने ठोकर मारी, छोड़ी सारी माया ... (२)
बन ग्या अहिंसाधारी, बाहुबली अवतारी तारा सू जड़ी रे थारी आरती, रे बाबा नैना सँवारूँ ... चंदा तू....॥
तन पे बेला चढ़ी नाथ के, केश घोंसला बन गया ...(२) अडिग हिमालय ठाड्या तनके, टीला-टीला चमक्या ...(२)
थारी तपस्या भारी, तनमन सब थापे वारी ताराँ सू जड़ी रे थारी आरती, रे बाबा नैना सँवारूँ ... चंदा तू...॥
जय-जय जयकारा गावें थारा, सारा ये संसारी ...(२) मुक्ति को मार्ग बतलायो, घंण-घंण ए अवतारी ...(२)
'नेमजी' चरणों में आयो, चरणों में शीश झुकायो जुग-जुग उतारे थारी आरती रे, रे बाबा नैना सँवारूँ।
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