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________________ (छंद नय मालिनी, चंडी तथा तामरस) अनन्त गुनवंत नमस्ते, शुद्ध ध्येय नित सन्त नमस्ते। लोकालोक विलोक नमस्ते, चिन्मूरत गुनथोक नमस्ते ॥3॥ रत्नत्रयधार धीर नमस्ते, करमशत्रुकरि कीर नमस्ते। चार अनंत महन्त नमस्ते, जय जय शिवतिय-कंत नमस्ते ॥4॥ पंचाचार-विचार नमस्ते, पंचकरण - मदहार नमस्ते । पंच-पराव्रत-चूर नमस्ते, पंचमगति सुखपूर नमस्ते ॥5॥ पंचलब्धि- धरनेश नमस्ते, पंचभाव - सिद्धेश नमस्ते । छहों दरब गुनजान नमस्ते, छहों काल पहिचान नमस्ते ॥6॥ छहों काय रच्छेश नमस्ते, छह सम्यक उपदेश नमस्ते । सप्तव्यसन-वन-वन्हि नमस्ते, जय केवल अपरह्नि नमस्ते॥7॥ सप्ततत्त्व गुन भनन नमस्ते, सप्त शुभ्रगति - हनन नमस्ते। सप्तभंगे के ईश नमस्ते, सातों नय कथनीश नमस्ते ॥ 8॥ अष्टकरम-मल-दल्ल नमस्ते, अष्टजोग निरशल्ल नमस्ते । अष्टम-धराधिराज नमस्ते, अष्टगुननि-सिरताज नमस्ते॥9॥ जय नवकेवल प्राप्तनमस्ते, नव- पदार्थथिति - आप्त नमस्ते । दशों धरम-धरतार नमस्ते, दशों बंध- परिहार नमस्ते ॥ 10 ॥ विघ्नमहीधर-विज्जु नमस्ते, जय ऊरधगति-रिज्जु नमस्ते। तन कनकंदुति पूर नमस्ते, इक्ष्वाकुवंश - कंजसूर नमस्ते ॥ 11 ॥ धनु पचास तन उच्च नमस्ते, कृपासिंधु गुन- शुच्च नमस्ते। सेही-अंक निशंक नमस्ते, चितचकोर - मृगअंक नमस्ते।।12। राग-दोष-मद-टार नमस्ते, निजविचार दुखहार नमस्ते। सुर-सुरेश-गन-वृन्द नमस्ते, वृन्दकरो सुखकंद नमस्ते ।। 13॥ छंद घत्तानंद जय-जय जिनदेवं, सुरकृतसेवं, नित कृतचित हुलासधरं। आपद - उद्धारं, समतागारं वीतराग - विज्ञान भरं ॥ 14 ॥ ऊँ ह्रीं श्रीअनंतनाथजिनेन्द्राय जयमाला-महार्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा। 79
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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