SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 445
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भव तन भोग अनित्य विचारा इम मन धार तवे अपधारा। सुर शिविका धर कानन धाये, धन-धन देव अहो धन जाये।। ॐ ह्रीं श्रीवृषभनाथजिनेन्द्राय चैत्रकृष्णा-नवम्यां तपोमंगल-मंडिताय अर्घ्य निर्वपामीति स्वाहा। असित सुफागुन ज्ञानसि पायो, सकल चराचर वस्तु लखायो। पशु नर देव सु पूजन आये, हम इत मंजुल मंगल गाये।। ॐ ह्रीं श्रीवृषभनाथजिनेन्द्राय फाल्गुनकृष्णा-एकादश्यां ज्ञानसाम्राज्य-प्राप्ताय अर्घ्य निर्वपामीति स्वाहा। असित सु चौदस माघ सुपायो, शिवरमणी वर के सुख पायो। हरि हरादि जजे कयलाशा, जजत जिनेश नशे भवपासा।। ऊँ ह्रीं श्रीवृषभनाथजिनेन्द्राय माघकृष्णा-चतुर्थ्यां मोक्षमंगल-मंडिताय अर्घ्य निर्वपामीति स्वाहा। जयमाला जय आदि जिनंद सुचंद नमो, जय इन्द्र नरिंद्र सुचंद नमो। जय मोह महा अरि फंद नमो, जय आनंद कंद जिनंद नमो।। युग आदि जिनं विभु देव नमो, जग जीवन के प्रभु देव नमो। जय लोक हितंकर नाथ नमो, युग में अभयंकर नाथ नमो।। जय आदि जिनेश महेश नमो, जय वंदित ईश सुरेश नमो। सुकृषि मसि आदि प्रकाश न मो, शिव मारग परकास नमो।। जयलोक अलोक विकास नमो, चिदआतम ज्योति विलास नमो। शत पांच धनुष विशाल नमो, कनक महादुति भाल नमो।। भवसागर तारण सेत नमो, दुःख दंद निवारण हेत नमो। जय सात तत्त्व परकास नमो, जिनेश महेश महेश नमो।। समोसुत्ति संपति प्राप्त नमो, निरदोष जिनेश सु आप्त नमो। जय श्रीधर श्रीकर देव नमो, जय श्रीवर श्रीभर सेव नमो।। जय मुक्ति रमापति पाद नमो, जय भव दुःख नाशक पाद नमो। जय दीनदयाल कृपाल नमो, जय नाथ अनाथन पाल नमो।। 445
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy