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प्रस्तावना
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गम्बर जैन ममा जमें हिन्दी भाषाके अनेक अच्छे
कवि और गद्यलेखक विदान हो गये हैं। उनकी रचनायोसे ममाज ान गौरवान्वित हो रहा है । जिम तरह हिन्दीके गद्य लेखको-टीका कागम श्राचार्य कल्प पं० टोडरमलजी, पं० जयचन्दजी और पं० मदासुग्वगयनी श्रादि विद्वान् प्रधान माने जाते हैं, उमी तरह कवियोम पं० बनारमीदासजीका स्थान बहुत ही ऊँचा है। ग्राप गोम्वामी तुलमीदामजीके ममकालीन विद्वान् थ, १७ वीं शताब्दीके प्रतिभामम्पन्न कवि थ और कविनापर आपका अमाधारण अधिकार था। अापकी काव्य-कला हिन्दीमाहित्यमें एक निगली छटाको लिये हुए है। उममें कहींपर भी शृंगार जैस रसीका अथवा स्त्रियांकी शारीरिक सुन्दरता