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________________ बनारसी-नाममाला (विषय-प्रवेश) तीर्थकर सर्वज्ञ जिन, भवनासन भगवान । पुरुषोत्तम प्रागत सुगन, संकर परम सुजान ॥४॥ बुद्ध मारजित केवली, वीनगग अरिहंत । धरमधुरंधर पारगत, जगदीपक जयवंत ॥५॥ 'अलख निरंजन निरगुनी, जातिरूप जगदीस । अविनासी आनंदमय, अमल अमूरति ईम ॥६॥ गौर विसद अरजुन धवल, स्वत सुकल सितवान। माख मुकति वैकंठ सिव, पंचमगति निर्वानx॥७॥ "सरस्वति भगवति भारती, हंसवाहनी वानि । १ तीर्थकरनाम २ सिद्धनाम ३श्वेतवर्णनाम ४मोक्षनाम । xनाटक समयसारमें इस नामका निम्न पद्य पाया जाता है:सिद्धक्षेत्र त्रिभुवनमुकुट, शिवथल अविचलथान । मोख मुकति वैकुंठ शिव, पंचमगति निरवान ||४|| ५ सरस्वतीनाम।
SR No.009237
Book TitleBanarsi Nammala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir
Publication Year1941
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size2 MB
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