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धवला पुस्तक 3
91 यथाख्यात संयमी जीवों की संख्या अद्वैव सयसहस्सा णवणउदिसहस्स चेव णवयसया। सत्ताणउदी य तहा जहक्खादा होंति ओघेण।।49।।
सामान्य से यथाख्यात संयमी जीव आठ लाख निन्यानवे हजार नौ सौ सत्तानवे होते हैं।।49।।
उपशम एवं क्षपकों का कुल परिमाण णव चेव सयसहस्सा छव्वीससया य होंति अडसीया। परिमाणं णायव्वं उवसम-खवगाणमेदं तु।।50।।
उपशमक और क्षपक जीवों का परिमाण नौ लाख दो हजार छह सौ अठासी जानना चाहिये।।।50।।
सर्व संयत जीवों का प्रमाण सत्तादी अळंता छण्णवमज्झा य संजदा सव्वे। तिगभजिदा विगगुणिदापमत्तरासी पमत्ता दु।।51।।
जिस संख्या के आदि में सात हैं, अन्त में आठ हैं और मध्य में छह बार नौ हैं, उतने अर्थात् आठ करोड़ निन्यानवे लाख निन्यानवे हजार नौ सौ सत्तानवे सर्व संयत हैं।।51।।
(इनमें से उपशमक और क्षपकों का प्रमाण 902688 निकालकर जो राशि शेष रहे उसमें) तीन का भाग देने पर 29699103 अप्रमत्तसंयत होते हैं और अप्रमत्तसंयतों के प्रमाण को दो से गुणा कर देने पर 59398206 प्रमत्तसंयत होते हैं।।51।।
प्रमत्तसंयतों का प्रमाण चउसट्ठी छच्च सया छासट्ठिसहस्स चेव परिमाणं। छासट्ठिसयसहस्सा कोडिचउक्कं पमत्ताणं।।52।।