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धवला पुस्तक 3
सात, नौ, शून्य, पाँच, छह, नौ, चार, एक, पाँच, शून्य अर्थात् सात अरब नब्बे करोड़ छप्पन लाख चौरानवे हजार एक सौ पचास योजन, यह जम्बूद्वीप का गणितफल अर्थात् क्षेत्रफल है, ऐसा जानना चाहिये।।72।।
सत्तसहस्सडसीदेहि खाँडिदे पंचवण्णांडाणि। अद्धंगुलस्स हीणं करह अद्धंगुलं णियदं।।73।।
अर्धागुल के पचपन खंडों को अर्थात् 55/2 को सात हजार अठासी से खडित अर्थात् भाजित करने पर जो लब्ध आवे उतना हीन अर्धांगुल निश्चित करना चाहिये।।73।।
साधारण जीवों का लक्षण साहारणमाहारो साहारणमाणपाणगहणं च। साहारणजीवाणं साहारणलक्खणं भणिदं।।74।।
साधारण जीवों का साधारण ही तो आहार होता है और साधारण श्वासोच्छ्वास का ग्रहण होता है। इसप्रकार आगम में साधारण जीवों का साधारण लक्षण कहा है।।74।।
रासिविसेसेणवहिदरासिम्हि य ज हवे समुवलद्ध। रूवूणहिएणवहिदहारो ऊणाहिओ तेण ।।75।।
राशिविशेष से राशि के भाजित करने पर जो भाग लब्ध आवे, उसमें से यदि एक कम करके शेष राशि से भागहार भाजित किया जाय तो उस लब्ध को उसी भागहार में मिला देवे और यदि लब्ध राशि में एक अधिक करके उससे भागहार भाजित किया जाय तो भागहार के भाजित करने पर जो लब्ध राशि आवे उसे भागहार में से घटा देना चाहिए।।75।। बीजे जोणीभूदे जीवो वक्कमइ सो व अण्णो वा।
जे वि य मूलादीया ते पत्तेया पढमदाए।।76।। योनिभूत बीज में प्रधानता से वही जीव उत्पन्न होता है अथवा दूसरा