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पद्यनुं भादिनायय मूलाओ संप
रसा पगामं न
रागो य दोसो
रुवागुरत्तस्स
रूवे विरत्तो
रूस जो
वत्थगन्ध
वरं मे
विर्गिच
वितहं पि
वित्तेण ताणं
वित्तं पसवो
[ ५४ ]
पचनो अंक | पचनुं आदिवाक्य ७२ वेराई कुव
१३५ वोच्छिन्द
रोइअनायपुत्तलहूण वि ११८, ११९, २२२ ) समया सञ्च
२६९ | समयाए
लोहस्सेस
६३ सम्मदिट्ठी
वत्तणाक्खणो
२२५ समावयंता
२०१ समिक्ख
२१४ | समं च
विभूसा इत्थिसं
विभूसं
विरई अबंभ
विवत्ती अविणी - .. वेया अहीया न
१३३ |सक्का सहेरं
१३७ | सदे रुवे य
१३९ | संबंधयार
१३६ | सन्तिमे
९९ सयं तिवायए
३१ सयं समेच्च
१०३ | सरीरमाहु
१६६ | सल्ले कामा
४१ | सबक्कसुद्धि
५२ सव्वत्युवहिणा
३८ सव्वभूयप्पभूयस्स
८८ सव्वस्स नीव
• १७० | सञ्चस्स समण
पचनो अंक
१९१
१२५
२४८
५३
२२७
६५
२६६
२०
२७१
२४९
१९९
४५
१३
२८
२२१
१५३
२९
६२
२८४
३१०
३११