________________ मां महाराज को पालखी में बिठाने का चढावा : 1,30,000/- (धीरुभाई कुबडीआ) * अग्नि-संस्कार का चढावा : 14,60,000/- (हितेशभाई गढेचा) * दूसरे 14/15 चढावे हुए / कुल आय 18,80,000/- रू. * जीवदया का फंड : 5 लाख से उपर हुआ / कुल मिलाकर 24 लाख रूपये हुए। मां महाराज की समाधि उत्तम थी। पू. मां महाराज के पवित्र देह का भरूच पिंजरापोल के परिसर में चंदन की चिता में अग्निदाह हुआ।