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श्री शांतिनाथ भगवाननुं चैत्यवंदन शान्ति जिनेसर सोलमा, अचिरा-सुत वन्दो. विश्वसेन-कुल-नभमणि, भविजन-सुख-कन्दो. मृग लंछन जिन आउखु, लाख वरस प्रमाण. हत्थिणाउर-नयरी-धणी, प्रभुजी गुण मणि-खाण.. चालीश धनुषनी देहडी, सम-चउरस संठाण. वदन पद्म ज्युं चंदलो, दीठे परम कल्याण.
श्री शांतिनाथ भगवाननुं चैत्यवंदन समरूं शांति जिणंद, पुष्प तुज शीष चडावुं. श्री जिन पूजन काज, नित्य तुज मंदिर आवुं. रंगे गाउं रस ऋद्धि, सुख संपत्ति पाउं. मन वचन काया करी देव, हुं तुजने ध्यावं. पूजतां पदवी लहुं, जपतां जग सुखी बहु. कवि ऋषभ इम उच्चरे, शांतिनाथ समरो सहु.
श्री शांतिनाथ भगवाननुं चैत्यवंदन जय जय शांति जिणंद देव, हत्थिणाउर स्वामी; विश्वसेन कुलचंद सम, प्रभु अंतरजामी..
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