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आतम अभिनंदन थतो अभिनंदन ध्याई, ध्यान समाधि एकता लीनता पद पाई.
श्री अभिनंदन थोय संवर सुत साचो, जास स्याद्वाद वाचो, थयो हीरो जाचो, मोहने देई तमाचो; प्रभु गुणगण माचो, एहना ध्याने राचो, जिनपद सुख साचो, भव्य प्राणि निकाचो.
सुमतिनाथ भगवाननी थोय सुमति सुमतिदायी, मंगला जास माई, मेरुने वली राई, ओर एहने तुलाई; क्षय कीधां घाई, केवलज्ञान पाई, नहि उणिम कांई, सेविये ते सदाई.
सुमतिनाथ स्तुति सन्मति धारे दुर्मति, त्यागी जे नरनारी, सुमति प्रभु भक्तो खरा, नीतिरीति धारी; सुमति ग्रही शुद्ध भावथी, आत्मभावे रमंता, निश्चयनय सुमति प्रभु, आपोआप नमंता..
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