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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शुभ संदेश परम पूज्य आचार्य श्री पद्मसागर सूरिश्वरजी महाराजनी प्रवचनधारानो लाभ लेवानुं सद्भाग्य हुं कदी चुकतो नथी. अमनी वाणीनी विशेषता अ छे के व्यापक जनसमुदायने ओ स्पर्श छे अने अमनामां जैनदर्शन विशेनी जिज्ञासा जगाडे छे अमनुं प्रभावक व्यक्तित्व, प्रवाही भाषा शैली, सचोट दृष्टांतो अने अक अनुपम वातावरण सर्जवानी शक्तिनो मने प्रत्येक्ष परिचय छे. आवा समर्थ आचार्य भगवान पासेथी आपणे जेटलुं पामीओ तेटल ओछं छे गणधरवाद ओ जैन सिद्धांतोनो अर्क छे अने जैन दर्शननी विशेषताओंनो परिचायक छे. आवा गहन गणधरवाद विशे आ पुस्तक साचेज मूल्यवान गणाय जैन दर्शनना सिद्धांतो अहीं ओवी रीते आलेखाया छे के जेने सामान्य जाणकारी धरावतो मानवी पण समजी शके. जैन दर्शननी विशेषतानी साथे व्यपकता गहनतानी साथे हृदयस्पर्शता आ ग्रंथमां सुन्दर रीते प्रगट थई छे. आशा राखीये के परम पूज्य आर्चाय श्री पासेथी तेओना विशाल ज्ञानना नीचोडरूप आवा पुस्तको मळता रहे जेने कारणे जन समाजने साची दिशा सांपडे श्रेणिक कस्तुरभाई * MER For Private And Personal Use Only
SR No.008738
Book TitleSanshay Sab Door Bhaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year
Total Pages105
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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