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१. उदाहरणार्थ कोई व्यापारी हररोज ग्यारह बजे
खाना खाता हो, लेकिन कभी ज्यादा ग्राहकों के आ जाने से वह खाना भी भूल जाता है ।
रुचि सत्य को स्वीकार करती है और असत्य को दूर करती है ।
जो लोग महान बननेवाले होते हैं, उनमें बचपन से ही नम्रता, विनय, विवेक, समता
और संतोष के गुण होते हैं । अच्छे स्वभाव से, अच्छी आदतों से, अच्छे वर्तन से मनुष्य महान बनता है।
कुम्हार घड़े को ऊपर से ठोकता है, मगर एक हाथ अंदर रखता है ताकि घड़े में अंदर खड्डा न हो जाए । इसी प्रकार विद्यादान करनेवाले गुरु विद्यार्थी को ऊपर से घड़ते हैं साथ ही अंदर से हाथ रखकर विद्यार्थी को आंतरिक रूप से होशियार, सबल और सत्त्वशील बनाते हैं । इस रीति से तैयार होनेवाले व्यक्ति भविष्यको उज्वल बनाते हैं, महान् बनते हैं।
SANE
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