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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org बेशुमार कानूनी उलझनों में फंसे इस विवाद का आचार्य प्रवर ने ऐतिहासिक स्थायी समाधान किया. यूँ आचार्य पद्मसागरसूरीश्वरजी 'सम्मेत शिखर तीर्थोद्धारक' के रूप में अमर हो गये. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमर कृतित्व आचार्यश्री का व्यक्तित्व जितना प्रभावपूर्ण है, उतना ही गोरवपूर्ण है आपका कृतित्व भी सम्यग्ज्ञान और आध्यात्मिक साधना के संगम के रूप में अहमदाबाद के समीप कोबा ग्राम में विनिर्मित 'श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र जैन शासन को समर्पित आचार्य देव का अमर सृजन है. संस्थान में सुरक्षित लाखों हस्तप्रतें, स्वर्णलिखित ग्रन्थ, बेशक़ीमती प्रत चित्र, अनेक मूर्तियाँ, सैकड़ों ताड़पत्रीय ग्रन्थ इत्यादि बहुमूल्य पुरातन सामग्री जैन शासन की अमूल्य धरोहर है. आचार्य श्री के इस परिश्रम का वास्तविक मूल्यांकन तो भविष्य करेगा. एक ही कामना अन्त में अन्त:करण के अनन्त उर्मिभावों के साथ यही मंगल कामना कि आचार्य प्रवर का देह सदैव स्वस्थ रहे. आप दीर्घायु बनें. ताकि आपके कर कमलों से हो रहे जन कल्याण के महान कार्य और जिनशासन की अपूर्व प्रभावना का यह सिलसिला लम्बे अरसे तक जारी रहे. २९ For Private And Personal Use Only
SR No.008728
Book TitlePadmasagarsuriji Ek Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalsagar
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year1991
Total Pages42
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size2 MB
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