________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अग्निसंस्कार हो गया है । दुनिया में ऐसी एक भी जगह नहीं कि जहाँ अग्निसंस्कार नहीं हुआ हो।
यह तो एक अजब बात है कि कबरस्थान के ऊपर बैठ के हम जिंदगी की बातें करते है। इसी लिए भगवान महावीर ने कहा-,"जिंदगी क्षणभंगूर है । जीवन में तुम स्वयं की स्थिरता प्राप्त करो।
उपयोग शून्यता से आत्मा दुःख का अनुभव करती है और उपयोग की जागृति में आत्मा सुख का अनुभव लेती है।
आज हमारे जीवन में स्थिरता का अभाव है । इसी कारण हमें निष्फलता प्राप्त होती है । हम जीवन की गर्जना करते है । यह आध्यात्मिक भाषा में एक पागलपन है।
राग औ द्वेष स्थिरता में बड़ी बाधा है। तेरा शत्रू तेरे अंदर में विद्यमान है, तूं बहार कहाँ ढूंढता है । संकल्प करों कार्य आज नहीं कल जरुर होगा। ___अंतिम समय पथारी पर सोया हुआ सिकंदर चिल्ला चिल्ला कर कहता था--, "मेरी अब्जो की संपत्ति है, लेकिन यह संपत्ति मुझे बचा नहीं सकी । मेरा सेनेपति जिन्होंने हजारों लोगों का कतलेआम किया वही आज मुझे मौत से बचाने में असमर्थ बन गया । अब इन द्यो के पास भी ऐसी कोई भी दवा नहीं है कि जो मुझे मौत से बचा सके ।
For Private And Personal Use Only