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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्राणरपि हिता वृत्तिरद्रोहो व्याजवर्जनम् । आत्मनीय प्रियाधान मे तन्मंत्रीमहाव्रतम् ।। [प्राणों की पर्वाह न करके (प्राणों की बाजी लगा कर) भी दूसरों का भला करने की इच्छा, निर्वरता, निष्कपटता और सब के साथ आत्मवत् प्रिय व्यवहार - यही मैत्री महाव्रत का लक्षण है। सर्वाधिकार प्रकाशकाधीन * द्वितीय संस्करण - सन् १९८६ ई. एक हजार प्रतियाँ मात्र * विधा :- धार्मिक प्रवचन - संकलन । पुस्तक प्राप्तिस्थल : १) श्री अरुणोदय फाउन्डेशन "सदा-आनन्द" विजय विहार को-ऑप. सोसायटी, नवरंगपुरा, अहमदाबाद -३८० ००९. Phone : 4403 83 २) श्री अरुणोदय फाउन्डशन ४०/५ उपेन्द्र, फर्स्ट फ्लोर, बिहाइंड अरोरा सिनेमा किंग्स सर्कल, माटुंगा, बम्बई-४०००१९.T.No.:474795 ३) श्री अरुणोदय फाउन्डेशन C/o. के. एफ. वखारिया, वखारिया सिल्क मिल्स ४/१६४४ बेगमपुरा, फालसावाड़ी, सूरतT.No. : 31889 ४) श्री अरुणोदय फाउन्डेशन C/o. भसाली केमिकल्स, २६-नयनीअप्पा नायक स्ट्रीट, मद्रास - ६००००३. T.No. : 32147 ५) श्री अरुणोदय फाउन्डेशन C/0. देवीचन्द मिश्रीमल, चीकपेट, बेंगलोर-५६००५३. मुद्रक : हेमांग प्रिन्टर्स, हिरापन्ना इन्डस्ट्रीयल इस्टेट, गोरेगांव (पू.), बम्बई-४०००६३ For Private And Personal Use Only
SR No.008725
Book TitleMitti Me Savva bhue su
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherArunoday Foundation
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size11 MB
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