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जीवन दृष्टि मोटर के शुरु होने से पहले अपनी लीकेज पाईप लाईन वेल्डींग करा ले. अर्थात् ज्ञान रस पान से पहले श्रवण धर्मिता बढ़ा ले तभी प्रवचन श्रवण की सार्थकता है. प्रवचन एक डिवाइन मेडीसिन : बरसात के अन्दर दियासलाई सील जाती है. सीलन आने के बाद कितनी भी रगडे, तीली आग नहीं पकड़ेगी. उसको आप सुखा दे, सीलन हट जायेगी. फिर जरा सा घर्षण भी अग्नि उत्पन्न कर देगा. आत्मा के ऊपर हमारे कर्म की सीलन चढी हुई है. जब तक तपश्चर्या के द्वारा उसको निर्मल नहीं करा लेंगे, आत्मा की तीली से परमात्म तत्व की आग नहीं निकलेगी. प्रवचन एक डिवाइन मेडिसिन है, आत्मा को निर्मल करने का साधन है. प्रवचन के माध्यम से ज्ञान प्राप्त कर मोक्ष मार्ग का प्रवेश मिलता है, नारियल तो देखा होगा आपने. जब उसमें पानी होता है, चोट मारने पर उसके भीतर की गिरी टुकडे टुकडे हो जाती है, पानी यानि आसक्ति है और आत्मा है उसका खोल यानि शरीर. किन्तु जव आसक्ति खत्म हो जाती है, पानी सूख जाता है तो निर्लिप्त भाव से खोल से गिरी अलग. कोई मतलब नहीं खोल से. इसी तरह हमारे अन्दर भी भाव आना चाहिये इसलिये तो हरेक शुभ कार्यों में उसका प्रयोग होता हैं. वह वैराग्य का प्रतीक है.
“शरीरतो भिन्नोहं,". "नैनं छिंदन्ति शस्त्राणि, नैनं दहति पावकः”. श्री कृष्ण के ये शब्द चिन्तन के प्रतीक बन जाय तो आत्मा में परमात्म दशा का भाव जागृत हो जाय. घर में खाना बनाने के सारे साधन मौजूद हैं, परन्तु आप वनाना नहीं जानते हो तो क्षुधा कैसे शान्त करेंगे, इसी तरह प्रवचन के द्वारा भी परमात्मा को प्राप्त करने की टेक्निक वतलाई जाती है. प्रवचन आत्मा की खुराक : एक ही उपदेश बार-बार दिया जाय, समझ में न आये तो उसको भिन्न भिन्न दृष्टिकोण से अलग-अलग तरीके से बार वार समझाया जाता है, वच्चा जव स्कूल जाता हैं तो एक साल भर तक उसको वर्णमाला का ज्ञान कराया जाता है, एक ही अक्षर को बार बार लिखाया जाता है तब उसके मन में वह चित्र कायम होता है. उसके अन्दर संस्कार पड़ते हैं और वह अक्षर ज्ञान कर पाता है.
तो इसी तरह धर्म के लिए बार-बार शब्दों के चित्र का परिचय दिया जाय तो एक दिन में नहीं अनेक दिनों के प्रयास के बाद उसको सफलता मिलेगी. इस प्रकार एक ही चीज को अलग-अलग प्रकार से कहा जाता है. तरीका कहने का अलग-अलग होता है. कई बार लोग पूछते हैं - एक ही नाम बार-बार लेने से क्या फायदा? राम का नाम बार-बार क्यों लिया जाता हैं, इससे क्या फायदा? मैं आपसे पूछू - आपको बीमारी हो जाती है तो डॉक्टर के पास जाते है कि नहीं?... डॉक्टर आपको एक ही गोली दिन में तीन - चार वार सात या दस रोज तक लेने को कहता है. आप डॉक्टर से यह तो नहीं कहते - वार वार एक ही गोली लेने की जगह
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