________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जिनशासन के समर्थ उन्नायक मिला होता तो प्रेमचन्द इतने उच्च सोपानों पर आरोहण कर आज जीवन के सर्वोच्च सार्थक शिखर पर न होते.
प्रेमचन्द सचमुच प्रेम के अवतार हैं, जनम से ही आपकी तेजस्वी मुखमुद्रा, सौम्य-प्रकृति तथा चमकीली आँखों से आपके उज्ज्वल भविष्य का अनुमान तो प्रारंभ से ही सभी को हो गया था. लब्धिचन्द के लुभावने
भविष्य को ढूंढती मासूम आँवों
For Private And Personal Use Only