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कच्चे सूत का बन्धन अर्थात् आर्द्रकुमार का वृत्तान्त को भेजना उसके लिए असम्भव था । अतः मंत्रियों को विदा दी और पाँच सौ सैनिकों को पुत्र का ध्यान रखने का निर्देश दिया।
प्रारम्भ में तो राजा द्वारा प्रेपित रक्षकों ने आर्द्रकुमार की पूर्ण रूपेण निघरानी रखी। आर्द्रकुमार जहाँ जहाँ जाता वहाँ वहाँ वे उनके पीछे जाते और कुमार तनिक भी अलग न पड़ जाय, इस बात का वे अच्छी तरह ध्यान रखते; परन्तु दिन व्यतीत होते होते कुमार ने उनके मन में विश्वास बिठा दिया। वह अश्व दौड़ाता हुआ कभी कभी उनसे अलग पड़ जाता तो कभी कभी नावें तैराता हुआ दूर निकल जाता । परन्तु लौटकर कभी एक घड़ी में तो कभी दो घड़ी में रक्षकों को मिलता। इससे समस्त रक्षक निश्चिन्त हो गये।
आर्द्रकुमार ने अब सोचा कि दो-तीन घड़ीयों का अन्तर मेरे लिए पर्याप्त है । एक वार वह नाव में बैठा और उसे भारत की ओर चला दी। जैसे ही उसने भारत के किनारे पर पाँव रखा, वैसे ही हृदय में अनेक विचार उत्पन्न होने लगे। जिस अभयकुमार को मिलने की हाभिलाषा से उसने अपना देश छोड़ा था, वह बात उसके लिए अव अधिक महत्त्व को नहीं रही।
उसके परितप्क में एक ही बात घूमने लगी कि, 'मैंने पूर्व भव में संयम की विराधना की और मैं प्राप्त मानव भव को हार गया। मैं अब इस भव में क्यों विलम्ब करूँ? यहाँ मुझे थोडे ही पिताजी संयम ग्रहण करने से रोकने वाले हैं ? उसने प्रतिमा किसी को सौंप दी और वह संयम ग्रहण करने के लिए तत्पर हो गया। इतने में आकाश में से ध्वनि आई, 'कुमार! रुक, संयम ग्रहण करने में तेरे लिए अभी भोगावली कर्म वाकी है। अभी तो तुझे संसार के आनन्द लेने शेष हैं।
कुमार ने चारों ओर देखा, कोई नहीं दिखाई दिया । अतः उसने सोचा कि मेरी कायरता ही मुझे ऐसी ध्वनि सुना रही है। उसने तुरन्त स्वयं ही साधु-वेप धारण किया और धरा पर विहार प्रारम्भ कर दिया |
'यह मेरा पति - यह मेरा पति' कहती हुई वृक्ष के तने को पकड़ती हुई चार-पाँच सहेलियों के साथ खेलती हुई श्रीमती ने वसन्तपुर नगर के उद्यान में कायोत्सर्ग ध्यान में स्थित आर्द्र मुनि का चरण पकड़ा तो गगन में तुरन्त ध्वनि आई कि ‘वाला! पति तो तूने अच्छा पसन्द किया ।' वाला ने ऊपर देखा तो एक मुनि कायोत्सर्ग ध्यान में थे। उनके चक्षु वन्द थे, देह स्थिर थी । वाला ने अपने हाथ हटा लिये। सहेलियाँ हँस पड़ी और बोली कि, 'अव तो तू इसके साथ ही विवाह करेगी न?' खेल-खेल में घटित कितनी ही सामान्य बातें अनेक व्यक्तियों के जीवन के मार्ग बदल