________________
सन्देह अर्थात् झांझरिया मुनि की कथा
गुण गाता हुआ केवलज्ञान को प्राप्त कर गया ।
फिर
शंका पाप का मूल है, और राजा को शंका के कारण ही पाप करना पड़ा, भी तीव्र पश्चाताप के कारण उसे केवलज्ञान प्राप्त हुआ ।
( सज्झायमाला में से )
मुनि हत्यारा राजा तीव्र पश्चात्ताप करता हुआ विशुद्ध भावों से कर्मों का चूरा करता है.
१११